चुनाव आयोग ने जलियांवाला बाग कांड शताब्दी वर्ष को सियासत से दूर रखने के लिए जारी किए थे निर्देश

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 03:56 PM (IST)

जालंधर(सूरज): जलियांवाला बाग हत्याकांड की शताब्दी वर्ष पर चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को हिदायत दे रखी थी कि वहां मनाए जाने वाले किसी भी समारोह को सियासत से दूर रखा जाए जिसके चलते इस बार जलियांवाला बाग में समारोह बड़ी सादगी से मनाया गया। 12 अप्रैल की शाम को जहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया, वहीं 13 अप्रैल की सुबह देश के उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। 

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आयोग की तरफ से कार्यक्रम की कोई मनाही नहीं थी। हालांकि चुनाव आयोग ने 25 मार्च को लिखे गए मंजूरी पत्र में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और जम्मू व कश्मीर के चुनाव अधिकारियों को शहीदों की याद में होने वाले समारोह को सियासी मंच बनने से बचने के आदेश जरूर दिए थे। 


केंद्रीय चुनाव आयोग के पत्र के बाद 4 अप्रैल को पंजाब चुनाव आयोग की तरफ से पंजाब के पर्यटन मंत्रालय को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि चुनाव आयोग को जलियांवाला बाग के शहीदों की याद में होने वाले समारोह पर कोई अपत्ति नहीं है इसलिए चुनाव आयोग ने आदेश जारी किए थे कि लोकसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को सियासी फायदे से दूर रखा जाए। पंजाब केसरी ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों से ही इस खबर को छापने की कोशिश की थी और इसका मकसद चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना नहीं था। पंजाब का प्रमुख अखबार होने के नाते शहीदों की शहादत के सौ साल होने पर करवाए जाने वाले कार्यक्रमों को फीका होने की ङ्क्षचता में ही हमने यह स्टोरी कवर की थी लेकिन इसमें चुनाव आयोग की मंजूरी के तथ्य नजरअंदाज हो गए जिसका हमें खेद है। 

Suraj Thakur