बरनाला रेलवे स्टेशन से चालू हुआ इलैक्ट्रिक ट्रैक, गाड़ियों की स्पीड बढ़कर हुई 110 कि.मी. प्रति घंटा

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 08:54 AM (IST)

बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल) : धूरी वाया बरनाला लहरा मोहब्बत तक रेलवे विभाग की तरफ से करोड़ों रुपया खर्च करके इस पर इलैक्ट्रिक ट्रैक का काम पूरा किया गया है। लगभग 70 किलोमीटर एरिया में अलालां, सेखा, बरनाला, हंडिआया, तपा, रामपुराफूल के रेलवे ट्रैक अब इलैक्ट्रिक हो गए हैं। अब डीजल की जगह पर रेलवे स्टेशन बरनाला से बिजली पर गाडिय़ां चलेंगी। इस के साथ जहां हर साल करोड़ों रुपए की डीजल की बचत होगी, वहीं ट्रेनों की स्पीडें भी बढ़ा दीं गई हैं।

पहले 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर इस ट्रैक पर ट्रेनें दौड़तीं थीं परन्तु अब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ ट्रेनें दौड़ेंंगी। इस के साथ समय की भी बचत होगी और वातावरण में प्रदूषण भी कम फैलेगा। बरनाला रेलवे स्टेशन से इस समय सवारी गाडिय़ां तो बंद हैं परन्तु माल गाडिय़ों का यातायात जारी है। पिछले 24 घंटों में 32 माल गाडिय़ां इस ट्रैक से गुजरीं। यदि पैसेंजर ट्रेनें शुरू हो जाती हैं, जिनकी संख्या 26 के करीब थी, तो इस ट्रैक पर से 58 गाडिय़ां गुजरेंगी। धूरी से लेकर बरनाला रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है।

खाली इंजन इतनी दूरी तय करते समय लगभग 60 लीटर डीजल की खपत कर देता है। यदि इंजन के साथ डिब्बे लगे हों तो इसकी खपत और भी बढ़ जाती है। इस समय डीजल का भाव 75 रुपए 33 पैसे प्रति लीटर चल रहा है। धूरी से लेकर लहरा मोहब्बत तक लगभग 1 ट्रेन 120 लीटर डीजल खपत कर देगी। एक ट्रेन पर 9 हजार का डीजल लग जाता है। यदि सभी ट्रेनों का जोड़ लगा लें तो लगभग रोजाना का 5 लाख रुपए से भी अधिक का डीजल खर्च होता है। इसी प्रकार से हर साल रेलवे को इस ट्रैक को इलैक्ट्रिक करने से करोड़ों रुपए की बचत होगी। इसके साथ-साथ प्रदूषण कम होने के कारण इलाके में बीमारियां भी कम फैलेंगी। खासकर दमा और सांस के मरीजों को भारी राहत मिलेगी। इस समय बङ्क्षठडा से लेकर राजपुरा तक डबल लाईन डालने का काम भी चल रहा है। अब लोगों को उम्मीद है कि इस काम को भी जल्दी पूरा किया जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी।

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