इलेक्ट्रॉनिक पैनल प्रति आ रही समस्याओं की गूंज पंहुची प्रधानमंत्री कार्यालय

punjabkesari.in Friday, Aug 10, 2018 - 05:03 PM (IST)

अमृतसर(जशन): अमृतसर रेलवे स्टेशन पर विगत दिनों हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पैनल को सुचारू रूप से ना चलाने प्रति गूंज अब प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय तक पंहुच गई है। इस प्रति सरकार व रेल विभाग को हो रहे नुक्सान व रेलवे मुसाफिरों की बढ़ रही समस्याओं प्रति आरटीआई एक्टिविस्ट व रेलवे मामलों के जानकार पी.सी. शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी कार्यालय को एक शिकायत पत्र लिखा है। 

इस प्रत्र में शर्मा ने कहा कि पहले विगत माह 19 जुलाई से इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू हुआ जो कि तय समय सीमा 31 जुलाई तक चला। इस दौरान अमृतसर रेलवे स्टेशन पर लगभग सभी रेलगाड़ियां बुरी तरह से प्रभावित हुई। इस दौरान रेलवे विभाग को भी करोड़ों का नुक्सान उठाना पड़ा। वहीं अब जब से उक्त इंटरलॉकिंग सिस्टम लगा है, उसको सुचारू ढंग से चलाने प्रति रेल कर्मियों को पूरी ट्रेनिंग व जानकारी नहीं है। इसके चलते अब भी अमृतसर रेलवे स्टेशन पर कुल 10 से 15 रेलगाड़ियों का परिचालन ही ठीक तरीके से हो रहा है।

शेष सभी रेलगाड़ियां काफी देरी से आ जा रही है। इसके चलते फिर से रेल मुसाफिरों को यहां भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं रेलवे के रैवेन्यू को भी भारी नुक्सान हो रहा है। उन्होंने प्रत्र में लिखा है कि इसके चलते अब भी बाहरी प्रदेशों से आने वाली कुछ रेलगाडिय़ों को मजबूरीवश जांलधर रेलवे स्टेशन से ही वापिस भेजा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा है कि ट्रैनों की सही जानकारी भी रेल मुसाफिरों को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। साइट में तो ट्रेन सही समय पर दर्शाती है, परंतु वास्तविकता कुछ ओर ही बयान होती है। 

उन्होंने कहा कि अगर उक्त पैनेल को सुचारू ढ़ंग से चलाने प्रति कोई विशेषज्ञ यहां मौजूद ही नहीं था तो फिर उक्त पैनेल लगाने का क्या औचित्य है? उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अब तक रेलवे का जितना भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई रेल उच्च-अधिकारियों से जुर्माने के तौर पर वसूली जाए, क्योंकि रेल उच्च-अधिकारी अभी तक सुचारू रूप से ट्रेनों का परिचालन करवाने में असफल साबित हो रहे हैं। उन्होंने आगे अनुरोध किया है कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करवाया जाए, ताकि रेल मुसाफिरों को दरपेश आ रही समस्याओं का जल्द समाधान हो सके तथा साथ ही रेलवे के रैवेन्यू को और नुक्सान ना हो।


 

Vaneet