सिविल अस्पताल में मरीजों का मर्ज बढ़ा रहे कर्मचारी

punjabkesari.in Sunday, Jul 22, 2018 - 03:13 PM (IST)

जालंधर (शौरी): वैसे तो बड़े-बड़े अधिकारी यह दावा करते नहीं थकते कि सरकारी अस्पताल अब प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में लोगों को सेहत संबंधी बढिय़ा सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों के स्टाफ को सख्त आदेश दिए गए हैं कि लोगों का ध्यान ठीक तरह से रखा जाए, लेकिन शायद सिविल अस्पताल जालंधर में ये सरकारी आदेश लागू नहीं होते। अक्सर कई ऐसे मामले सिविल अस्पताल में देखने को मिलते हैं जब मरीजों को अस्पताल में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्या ऐसे हालात दूर करने के लिए अधिकारी कोई सख्त कदम उठाएंगे?

डाक्टर के कहने पर भी नहीं उठाया जमीन पर गिरा मानसिक रोगी
वहीं सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में भी दिमागी तौर पर परेशान व्यक्ति एम्बुलैंस के जरिए करीब 3 दिन पहले दाखिल करवाया गया था। दिमागी तौर पर परेशान लोगों को वैसे दिमाग के माहिर डाक्टर देखकर उपचार करते हैं और नशा छुड़ाओ केन्द्र की बिल्डिंग में मानसिक रोगियों के लिए बने स्पैशल वार्ड में रखते हैं लेकिन इन दिनों नशा छुड़ाने वालों के केन्द्र में उपचाराधीन होने के चलते पूरा वार्ड फुल हो चुका है जिस कारण अज्ञात व्यक्ति को 3 दिन से एमरजैंसी वार्ड में ही रखा गया है जहां उसका हाल जानवरों जैसा है। रोजाना वह बैड से जमीन पर गिरता है और उसे कोई उठाता ही नहीं। आज भी बेचारा बैड से गिरा और ड्यूटी पर बैठे डाक्टर ने दर्जा चार कर्मी को उसे उठाकर बैड पर डालने को कहा लेकिन डाक्टर की बात भी अनसुनी कर दी गई। दर्जा चार कर्मी का कहना था कि कई बार जमीन पर गिर रहे इस व्यक्ति को उठाकर वे थक चुके हैं।

जमीन पर ही पड़ा रहा बेहोश होकर गिरा मरीज
हाल में ही सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में कुछ स्टाफ द्वारा डिलीवरी के बाद महिला के परिजनों से जबरन बधाई मांगने का मामला अभी थमा नहीं कि अब अस्पताल में अज्ञात मरीजों की केयर न होने का मामला तूल पकड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में एक अज्ञात व्यक्ति को 108 नंबर एम्बुलैंस का स्टाफ बेहोशी की हालत में दाखिल करवाकर चला गया। स्टाफ ने उक्त व्यक्ति को बैड पर डालकर अपनी  जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया लेकिन उक्त व्यक्ति जमीन पर गिर गया। वार्ड में उमस के चलते वह वार्ड से बाहर आया और फिर से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा लेकिन किसी ने उसे उठाकर बैड पर पहुंचाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई।

25 अप्रैल की रात को हुई थी वारदात
ए.एस.आई. हरदेव सिंह ने बताया कि जीवन पैट्रोल पंप पर 25 अप्रैल की रात को 11 बजे के बाद वारदात हुई थी। वारदात को अंजाम देने वाले सभी युवक 25 साल से कम आयु के थे जो कि काले रंग के स्पलैंडर मोटरसाइकिलों पर आए थे। उनकी नीयत पंप लूटने की थी, जिसे लेकर उन्होंने मुंह पर कपड़े बांधे हुए थे। 500 रुपए का तेल डलवाने के बाद जब उन्हें पता चला कि कारिंदों के पास कोई बड़ी रकम नहीं है तो उन्होंने डलवाए तेल के पैसे न देते हुए वहां से फरार होने की कोशिश की। कारिंदे के आगे आने पर एक युवक ने गोली चला दी और मौके से फरार हो गए थे। 

 सी.सी.टी.वी. कैमरे से हुए ट्रेस
वारदात सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद होने के कारण पुलिस को आरोपियों को जल्द ट्रेस करने में मदद मिली थी। 4 आरोपियों को सी.आई.ए. स्टाफ ने पकड़ा था। सभी के खिलाफ थाना रामा मंडी में 25 अप्रैल की ही देर रात को 323, 336, 148, 149 व आम्र्ड एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

Des raj