भारत में हर वर्ष स्तन कैंसर से 70 हजार महिलाओं की होती है मौत

punjabkesari.in Friday, Mar 06, 2020 - 02:18 PM (IST)

लुधियाना(सहगल): भारत में हर साल स्तन कैंसर के कारण लगभग 70 हजार से अधिक महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। उनमें से ज्यादातर प्रजनन आयु वर्ग में हैं। इसी तरह जब सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जाता है और प्राथमिक अवस्था में इसका 93 फीसदी मामलों में आसानी से उपचार कर लिया जाता है। क्रिश्चियन मैडीकल कालेज और अस्पताल में आयोजित सैमीनार में विशेषज्ञों ने बताया की नियमित स्व-स्तन परीक्षण, सोनोग्राफी और मैमोग्राफी से स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है। गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर एक घातक लेकिन सौभाग्यवश रोके जाने वाले रोग हैं जिसका टीकाकरण और जांच की जा सकती है।

अस्पताल के डायरैक्टर डा. विलियम भट्टी ने बताया कि आने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, क्रिश्चियन मैडीकल कालेज और अस्पताल की टीम ने महिला पुलिस व सी.आर.पी.एफ. स्टाफ तथा पुलिस और सी.आर.पी.एफ. की महिला सदस्यों के सर्वाइकल व ब्रैस्ट कैंसर स्क्रीङ्क्षनग कैम्प आयोजन के लिए योजना बनाई है। इसके तहत पुलिस और सी.आर.पी.एफ. परिवारों की महिलाएं जो पूरे भारत में 30 से 65 वर्ष की उम्र के बीच हैं। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्तन और गर्भाशय के कैंसर के लिए स्क्रीङ्क्षनग कैम्प सुबह 9 से 3 बजे तक आयोजित किया जाएगा। 

इस दौरान पुलिस लाइंस में लॉग्स और सी.एम.सी. अस्पताल में एक जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल, सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार बग्गा, ममता आशु, एस.पी. सिंह, डा. भारती उप्पल व जागरूकता शिविर का आयोजन डा. विधु मोदगिल, डा. कविता भट्टी, डा. देविंदर, डा. गीतांजलि, डा. मनु सिंगला, सी.एम.सी.एच. के डॉक्टरों और स्टाफ सहित लगभग 100 प्रतिभागी उपस्थित थे।

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