लड़की को नशा पिला महिला ने बनाई थी अश्लील वीडियो, हाईकोर्ट ने कहा-ये सभी लोग अपराध की सूचनी में

punjabkesari.in Saturday, Jul 25, 2020 - 10:48 AM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): सोशल मीडिया पर अश्लीलता को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण आदेश देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि ‘अश्लील सामग्री प्रसारित होने वाले ग्रुप में शामिल सभी लोग अपराध में शामिल हो जाते हैं।’

एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीडऩ और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में आरोपी जसविंद्र सिंह की जमानत याचिका पर फैसले में जस्टिस सुवीर सहगल ने कहा कि पीड़िता की ‘आपत्तिजनक वीडियो अपलोड होने वाले ग्रुप में याचिकाकत्र्ता की मौजूदगी अपराध में संलिप्तता साबित करती है।’जसविंद्र के खिलाफ रोपड़ थाने में 5 फरवरी को एफ.आई.आर. दर्ज हुई थी जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी। नाबालिग लड़की के बयानों पर दर्ज एफ.आई.आर. अनुसार 13 वर्षीय पीड़िता ट्यूशन पढऩे के लिए एक महिला के घर जाती थी। उसे वहां शराब और सिगरेट पीने और नशीले इंजैक्शन लेने के लिए बाध्य किया गया। महिला ने अश्लील वीडियो बनाई और ब्लैकमेल कर पैसे और गहने मंगवाने शुरू कर दिए। आरोपी महिला ने नाबालिगा की वीडियो बाद में सोशल मीडिया ग्रुप पर अपलोड कर दी जिसमें जसविंद्र भी मौजूद था। पुलिस ने भादंसं की धारा 354 और 354-ए के तहत मामला दर्ज किया था बाद में धारा 384 और 120बी भी जोड़ दी गई।

जस्टिस सुविंद्र सिंह की कोर्ट ने जसविंद्र को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इन्कार करते हुए कहा कि आरोपियों के व्यवहार के कारण पीड़िता ने लंबे समय तक मानसिक तनाव झेला है जिसकी वजह से 16 साल की उम्र में अब वह मानसिक तौर पर परेशान है। जस्टिस सहगल ने कहा कि पीड़िता ने स्वयं याचिकाकर्ता को आरोपियों में शामिल किया है। आरोपी पीड़िता को धमकाते थे जिससे वो इतना डर गई कि तीन साल तक पीड़ा अभिभावकों को भी नहीं बता पाई। मामले में सह-आरोपी को जमानत मिलने के चलते याचिकाकत्र्ता ने आधार बनाकर अग्रिम जमानत का लाभ मांगा था मगर हाईकोर्ट ने इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकत्र्ता एक सैक्सुअल ईल माइंडेड है यही वजह है कि एक लड़की का जीवन और बालपन तबाह हुआ है। 

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