फैक्टरी मालिक ने बैंक अधिकारियों पर लगाया लोन पास न करने का आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Aug 07, 2018 - 01:22 AM (IST)

कादियां (ज़ीशान): एक फैक्टरी मालिक ने बैंक अधिकारियों द्वारा सी.जी.टी.एम.एस.ई. स्कीम के तहत लिमिट न बनाकर देने तथा बैंक द्वारा टालमटोल करने का आरोप लगाते हुए रिजर्व बैंक तथा बैंकिंग लोकपाल और फाइनैंस मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करवा इंसाफ की गुहार लगाई है। 

विशाल गुप्ता पुत्र विजय कुमार निवासी कादियां ने एक प्रैस कांफ्रैस कर बताया कि हरचोवाल में वह अपनी विशाल एक्सपोर्ट नाम से फीड फैक्टरी चला रहा है जिसके लिए सी.जी.टी.एम.एस.ई. स्कीम के तहत उसने एक करोड़ रुपए की सी.सी. लिमिट के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया कादियां ब्रांच में फरवरी 2017 में दस्तावेज की फाइल दी जिस पर 2017 के मार्च महीने में कादियां ब्रांच और जोनल आफिस पठानकोट के अधिकारियों की टीम ने हरचोवाल आकर उसकी फैक्टरी का दौरा किया। इस के पश्चात वह जोनल ब्रांच के चक्कर लगाता रहा पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया न ही कोई लिखित पत्र दिया गया जिस पर उसने रजिस्ट्री के माध्यम से फिर से बैंक को फाइल भेजी।

उसने बताया कि ब्रांच मैनेजर तथा जोनल मैनेजर ने कई बार उसकी फैक्टरी का दौरा किया, उसके बहीखाते चैक किए गए। करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी के कागज बैंक में रखवाने की बात कहकर लोन देने मे टालमटोल करते रहे। उसने बताया कि उसकी प्रॉपटी 1 करोड़ से कम होने के कारण उसने यह लोन सी.जी.टी.एम.एस.ई. स्कीम के तहत मांगा था। करीब 18 महीने से वह बैंक के चक्कर लगा रहा है लेकिन उसे आज तक लोन नहीं मिल सका। 

फैक्टरी मालिक ने सभी डाक्यूमैंट ‘पंजाब केसरी’ को दिखाते हुए बताया कि न जाने किन कारणों के चलते बैंक अधिकारी उस का लोन पास न करते हुए उसके चक्कर लगवा रहे हैं। जिस पर मैंने रीजनल मैनेजर से मिलकर अपनी सारी समस्या बताई तो उन्होंने हल करने का भरोसा दिलाया, पर आज 6 अगस्त तक मुझे कोई उत्तर नहीं दिया गया। मुझे अब यकीन हो गया है कि मुझे बैंक अधिकारियों द्वारा तंग-परेशान किया जा रहा है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि स्टेट बैंक ने 18 महीने मुझसे टालमटोल की, जोकि रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन है। नियम अनुसार 30 से 36 दिनों के भीतर जवाब देना होता है। मेरी फर्म को बैंक की इस कार्रवाई के कारण लाखों का नुक्सान हुआ है तथा बार-बार बैंक अधिकारियों के आने से मेरे रैपुटेशन भी खराब हुई है। जिस कारण मैं किसी बड़े या करोड़ों रुपए के टैंडर में भाग नहीं ले सकता। 

क्या कहना है बैंक मैनेजर का
जब इस संबंध में एस.बी.आई. कादियां के मैनेजर गुरप्रीत सिंह ढिल्लों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह यहां नए आए हैं, यह मामला पहले का है। पहली फाइल के संबंध मे जानकारी आर.टी.आई. के तहत ले सकते हैं, नई फाइल अभी अंडर प्रोसैस है। रिजनल कार्यालय से जानकारी लेने के पश्चात ही कुछ उत्तर दिया जा सकता है। 

Des raj