आप भी Branded Shoes, T-shirts, Jeans खरीदने के शौकीन हैं तो जरा दें ध्यान! ऐसे हो रहा Fraud
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 01:51 PM (IST)

लुधियाना (राम): शहर के अलग-अलग इलाकों में शोरूमों पर सरेआम फर्जी मार्का लगे कपड़े-जूते बिक रहे हैं। ब्रांडेड प्रोडक्ट के नाम पर नकली माल बेचने वाली शहर में ठगी की कई दुकानें खुली हुई हैं। अगर आप भी कहीं ब्रांडेड शूज, टी शर्ट, जींस खरीदने के शौकीन हैं तो जरा ध्यान रखें। ऐसी दुकानों के बाहर हर ब्रांड के नकली जूते, टी शर्ट और जींस हैं। इतना ही नहीं, दुकानदारों ने दिखाने के लिए डिसप्ले में ओरिजनल के साथ-साथ ग्राहकों को ठगने के लिए अलग वैरायटी भी रखी हुई है। इसे देखकर पहचान करना बेहद मुश्किल हो सकता है कि कौन-सा असली है, और कौन-सा नकली। ये शोरूम संचालक दावा करते हैं कि यह असली प्रोडक्ट की फर्स्ट कॉपी और सेकेंड कॉपी है। मगर यह माल सरेआम प्रशासन की नाक तले बनाया और बेचा जाता है। यहां तक कि दुकानदार अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इनके वीडियो और फोटो डालकर धड़ल्ले से अपना माल बेच रहे है। यहां तक कि सोशल साइटों पर इनकी बाढ़ सी आ चुकी है। इतना ही नहीं ग्राहक को समझ आना बंद हो जाता है कि यह माल असली है या नकली। उधर, टीमें कॉपीरॉइट एक्ट का पालन करवाने में पूरी तरह से फेल हो चुकी हैं।
कस्टम और एक्सपोर्ट शूज के नाम पर कर रहे फ्रॉड
ब्रांडेड स्पोर्ट्स शूज के कई आउटलेट हैं। मगर उसके साथ कुछ दुकानदार कस्टमर को ब्रांडेड शूज के नाम पर फर्स्ट कॉपी, कस्टम का माल और एक्सपोर्ट के शूज कहकर धड़ल्ले से नाइक, प्यूमा, एडीडास, रीबॉक, स्कैचर, अंडरआर्मर, फिला, जॉर्डन, एसिक्स के शूज बेच रहे हैं। कुछ दुकानदार ओरिजनल शूज की फर्स्ट कॉपी सरेआम बेच रहे हैं। किसी भी ब्रांड का कोई भी मॉडल यहां आसानी से मिल जाता है।
यहां सब नकली है
जानकारों के मुताबिक दुकानदार जिन शू्ज, टी शर्ट और जींस को फर्स्ट कहकर बेचते हैं, दरअसल वे डुप्लीकेट ही होते हैं। फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड कॉपी, कस्टम या एक्सपोर्ट का कोई सामान नहीं होता। वहीं, कंपनी के शूज की टाइम लिमिट होती है। कंपनी जब शूज (आर्टिकल) तैयार करती है तो उसके सोल की मियाद तय कर दी जाती है। जब स्टॉक समय रहते सेल नहीं होता तो उस आर्टिकल को ब्रांड के फैक्टरी आउटलेट स्टोर पर भेज देते हैं। अधिकतर लोगों को कंपनी के इन नियमों का पता नहीं होता, जिसका फायदा उठा दुकानदार एक्सपोर्ट या फर्स्ट कॉपी का माल कहकर बेच देते हैं।
कई इलाकों में नकली मार्का लगाकर तैयार किया जा रहा माल
जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने ग्राहकों से धोखाधड़ी का ठेका ले लिया है। शहर के कई इलाकों में धड़ल्ले से नकली मार्का लगाकर अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के कपड़े तैयार किए जाते हैं। शहर की शिमलापुरी, काली सड़क, बस्ती जोधेवाल, सलेम टाबरी, शिवपुरी, नूरवाला रोड, बहादुरके रोड, डेहलेवाल समेत कई इलाकों में धड़ाधड़ फैक्टरी संचालक नकली कपड़े तैयार कर रहे हैं। ये कपड़े एकदम असली जैसे ही दिखाई देते हैं। यहां तक कि ग्राहकों के लिए ही नहीं, किसी जानकार के लिए भी तय करना तक मुश्किल हो जाता है कि यह असली हैं या नकली। कंपनियों के लोगो इतनी सफाई से तैयार किए जा रहे हैं कि कोई भी धोखा खा जाए। उधर, ऐसे में ग्राहक को नकली माल बेचकर सरेआम उससे धोखाधड़ी की जा रही है।
कॉपीराइट टीमों ने साधी चुप्पी
वहीं, कॉपी राइट टीमों इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। टीमों की तरफ से शहर में पिछले काफी समय कोई भी चेकिंग अभियान तक नहीं चलाया गया है। उधर, आम ग्राहकों की मांग है कि जब वह सामान के पूरे पैसे देते हैं तो आखिर उन्हें क्यों नकली माल बेचकर ठगा जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे फैक्टरी संचालकों पर छापेमारी कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि शहर में कोई दोबारा फर्जी माल तैयार करने की हिम्मत ना कर पाए।
डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स इन डिमांड
ऑनलाइन भी है डुप्लीकेट...ऑनलाइन शॉपिंग के इस दौर में किसी सामान को छूना या उसका वास्तविक अनुभव कर पाना संभव नहीं है। यह बायर के लिए तो एक समस्या की तरह है, लेकिन ऑनलाइन मार्केट प्लेस में बैठे लोगों के लिए नकली सामान बेचने का बड़ा जरिया भी है। कई बड़ी साइट्स पर मिलते-जुलते नाम वाले प्रॉडक्ट बिकते हैं। यहां तक कि कुछ वेबसाइट्स तो बस खुलती ही लोगों को लूटने के लिए हैं।
ऐसे करें वेरिफाई
ब्रांडेड कंपनी जब शूज तैयार करती है तो उसमें मॉडल का बार कोड और आर्टिकल नंबर शूज पर प्रिंट करती है। इससे शूज की ओरिजनेलिटी चेक की जा सकती है। हर शूज पर अलग-अलग बार कोड लिखा होता है। अगर आपको किसी शूज की ओरिजनेलिटी के बारे में पता करना है तो शूज मॉडल को कंपनी की साइट पर जा कर चेक करें आप को ओरिजिनल प्राइस भी मिल जाएगा या दुकानदार को बोलें।
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