पंजाब की आर्थिकता को दीमक की तरह चाट रहे फर्जी ट्रैवल एजैंट्स, कई घर तबाह

punjabkesari.in Saturday, Apr 29, 2023 - 02:57 PM (IST)

मालेरकोटला: पंजाब के नौजवानों द्वारा गैर कानूनी तरीके अपनाकर प्रवास करना जहां यूरोपी देशों के लिए चुनौती बनता जा रहा है, वहीं डालरों की चमक-धमक में गुम हुए पंजाब के नौजवानों में विदेशों में जाने की लालसा इस कदर बढ़ती जा रही है कि हर साल 20 हजार से भी ज्यादा पंजाबी नौजवान कथित गैर कानूनी तरीकों से विदेशों को प्रवास करते बताए जाते हैं। अपने पुरखों द्वारा खून-पसीना एक करके सिंजी गुरुओं, पीरों की चरण स्पर्श प्राप्त पंजाब की धरती को छोड़कर प्रवास करने वाले पंजाबियों के लिए जहां आज कल आस्ट्रेलिया तथा कनाडा पहली पसंद बने हुए हैं, वहीं यूरोपी देशों में जाने के लिए पंजाबी नौजवान अपनी जान भी दांव पर लगा देते हैं।

पंजाब भर में फर्जी ट्रैवल एजैंटों का फैला विशाल जाल जहां पंजाब की आर्थिकता को दीमक की तरह खा रहा है, वहीं ट्रैवल एजैंटों के गैर-कानूनी हत्थकंडों तथा मानवीय तस्करी का काम राष्ट्रीय स्तर तक कथित तौर पर फैला बताया जाता है। विदेश जाने के लिए हर तरह के गैर कानूनी हत्थकंडों समेत कुछ भी करने को तैयार पंजाबी नौजवानों की लालसा का फायदा बाजार में बैठे फर्जी ट्रैवल एजैंट उठा रहे हैं। एक तरफ तो यह लोग करोड़ों रुपए की ठगी करते हैं, जबकि दूसरी तरफ इन ठगी का शिकार हुए लोग अपने पैसे वापस करवाने के लिए थानों तथा अदालतों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इमीग्रेशन उद्योग में फैली धोखाधड़ी ने पंजाब के कई घरों को तबाह कर दिया है।

ट्रैवल एजैंटों द्वारा बिछाए जाल संबंधी एकत्रित की जानकारी दौरान कई हैरानीजनक पहलू सामने आए हैं, जिनमें कई ऐसे परिवारों बारे भी पता लगा है, जो अपने बच्चों के हाथों मजबूर होकर गैर कानूनी ढंग से बच्चों को विदेश भेजने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यहां से ही ट्रैवल एजैंट मजबूर लोगों की भावनाओं के साथ धोखाधड़ी की अपनी खेल खेलना शुरू कर देते हैं। पहले उनको विदेश ले जाने का सपना दिखाते हैं तथा फिर उनकी फाइल बहुत मजबूत बताकर 3 से 5 लाख रुपए इक्टठे कर लेते हैं।

ग्राहक के पैसे यह कहकर लिए जाते हैं कि यदि वीजा लग गया, तो आपकी किस्मत है, नहीं तो आधे पैसे वापस आ जाएंगे। इस मामले में फर्जी ट्रैवल एजैंट डेढ़ से दो लाख रुपए की ठगी मारते बताए जाते हैं। गैर कानूनी तरीकों से विदेश जाने वालों में से कुछ तो चोरी-छुप कर काम करने के चलते विदेशी पुलिस की नजर से बचकर विदेशों में टिके रहते हैं, परन्तु काफी नौजवान विदेशी पुलिस के हाथ लग जाने के कारण जेलों में फंस जाते हैं। पंजाब में से गैर कानूनी ढंग से प्रवास करने वालों में 70 प्रतिशत से ज्यादा देहाती क्षेत्र से संबंधित हैं।

फर्जी ट्रैवल एजैंट इस तरह फंसाते हैं अपने शिकार को

ट्रैवल एजैंटों के शिकार होने वालों में 48 प्रतिशत नौजवान कम पढ़े-लिखे बेरोजगार तथा गांवों से आए हुए होते हैं, जिनको यह ट्रैवल एजैंट बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपने जाल में फंसा लेते हैं तथा उसके बाद धीरे-धीरे उनसे पैसे की लूट शुरू कर देते हैं। जब तक इस नौजवान पीढ़ी को एजैंट बारे समझ आती है, तब तक बहुत सारा पैसा उनके पास जा चुका होता है। मिली जानकारी के अनुसार ही महीने सैकड़ों शिकायतें आती हैं, जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत शिकायतों पर ही कार्रवाई की जाती है।

चेन सिस्टम से जुड़े हुए हैं फर्जी ट्रैवल एजैंट

झूठे या फर्जी तरीकों से विदेश भेजने के कारोबार में लगे ज्यादातर ट्रैवल एजैंट चेन सिस्टम से जुड़े हुए हैं। कुछ बड़े ट्रैवल एजैंटों ने अपने दलालों को बाजार में छोड़ा हुआ है जो शहरों में आईलैट्स करने वालों तथा कालेजों के विद्यार्थियों पर नजर रखते हैं। वह इच्छा देखकर ट्रैवल एजैंट को सारी जानकारी देते हैं। आगे की खेल ट्रैवल एजैंटों द्वारा टैली-मार्कीटिंग पर बैठाई गई लड़कियां पूरा करती हैं। उन द्वारा हर तरह के वीजे फोन पर भेजे जाने का दावा भी किया जाता है, यहां तक कि रद्द हुई फाइलों वालों को भी ट्रैवल एजैंटों द्वारा किसी न किसी तरह फंसाया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बावजूद कोई सख्ती नहीं

देश की माननीय सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बावजूद आज तक पंजाब में ऐसी कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा सकी, जिससे करोड़ों रुपए की ठगी मारने वाले ट्रैवल एजैंटों को कानूनी दायरे में लाया जा सके। बेशक प्रत्येक शहर में पुलिस विभाग द्वारा अलग इमीग्रेशन विंग स्थापित किया गया है, जो शहर के ट्रैवल एजैंटों पर नजर रखता है तथा उनकी सूची बनाता है।

खाड़ी देशों के नाम पर भी करते हैं ठगी

कुछ ट्रैवल एजैंट खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के बहाने लाखों रुपए की ठगी मार रहे हैं। फाइल तथा मेडिकल के नाम पर एक ट्रैवल एजैंट 20 से 25 हजार रुपए तक लेता है। कुछ जैनुअमल लोगों के वीले पैसे लेकर लगवा दिए जाते हैं, पर कई ऐसे लोग हैं, जिनसे लिए 25 हजार रुपए वापस नहीं किए जाते। यह रकम लाखों में बनती है।

ठोस नीति बनाने की जरूरत

राज्य सरकार को चाहिए कि विदेश जाने के चक्कर में बर्बाद हो रहे पंजाबियों को फर्जी ट्रैवल एजैंटों से बचाने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाने के साथ-साथ विदेश जाने के रुझान पर नकेल कसने के लिए जागरूकता मुहिम चलाई जाए तथा गैर कानूनी प्रवास रोकने के लिए सरकार को कोई सख्त कानून बनाना चाहिए, ताकि मार्कीट में बैठे ऐसे ट्रैवल एजैंट किसी भी व्यक्ति की कमाई को ठग न सके।

धोखेबाज एजैंटों से बचाने के लिए सरकार को यह ठोस कदम उठाने की जरूरत

हुनरमंद मुलाजिमों के लिए ऐसा प्लेसमेंट सैल बनाया जाना चाहिए, जहां सरकार विदेश जाने वालों को हर तरह की जानकारी प्रदान करती हो। सरकारी रोजगार विभाग में विदेशी रोजगार सैल बनाया जाए, जहां रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंटों की सूची भी उपलब्ध हो, ताकि नौजवान पीढ़ी को वहां से जानकारी मिलने के साथ-साथ वह उन रजिस्टर्ड एजैंटों के साथ ही जुड़ सकें। धोखाधड़ी के शिकार लोगों के लिए एक अलग सैल बनाया जाए, ताकि समय सीमा में उस मामले की जांच हो तथा उसके बाद ट्रैवल एजैंट के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके।

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News Editor

Urmila