10 दिन आंदोलन करेंगे किसानः दूध-सब्जियों का गहरा सकता है संकट

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 03:13 PM (IST)

जलालाबाद(सेतिया): किसानों को मंडियों में विभिन्न फसलों व सब्जियों के भाव पूरे न मिलने के रोष में किसान महासंघ के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन कादियां द्वारा 1 से 10 जून तक किसानों को बंद का आह्वान किया गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा गांवों के गुरुद्वारा साहिब में भी अनाऊमेंट की जा रही है। 

 

जानकारी देते हुए यूनियन के जिला प्रैस सचिव मनप्रीत सिंह संधू ने बताया कि किसान महां संघ द्वारा 10 दिनों के लिए किसानों केा शहरों में सब्जियों, दूध व ओर जरूरी सामान न लाने के लिए बंद का आह्वान दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंडियों में किसानों को वाजिब भाव नहीं मिल रहे है तथा किसानों का लगातार आर्थिक सोशन हो रहा है। जिसके खिलाफ किसानों को बंद का समर्थन करना चाहिए। उधर गांव चक्क सैदोको के किसान मेजर सिंह खालसा व जसबीर सिंह खालसा तथा समस्त पंचायत यूथ क्लब द्वारा किसानों को एकत्रित करने के लिए बंद को सफल बनाने के लिए आह्वान किया गया है। 

 

उधर, दूसरी तरफ भातरीय किसान यूनियन कादिया की अगुवाई में किए जा रहे बंद को लेकर ओर जत्थेबंदियों ने कोई भी समर्थन नहीं दिया है हालांकि वह किसानों की मांगों के हक में है लेकिन उनको यह भी कहा कि सब्जी व दूध की सप्लाई को रोका नहीं जा सकता है क्योंकि किसान पहले ही आर्थिक पक्ष से कमजोर है तथा यदि वह 10 दिनों तक सब्जियों को मंडियों में नहीं लाएंगे तथा उनको काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है तथा दूसरी तरफ दुधारू पशुओं का काम करने वाले बड़े स्तर पर दूध को किसी तरह स्टाक रख सकते है लेकिन दूसरी तरफ सब्जियां स्टोर करने वाले लोग इसका फायदा उठाएंगे तथा छोटे किसानों को सिवाएं नुकसान के ओर कुछ नहीं होना। कुछ किसान जत्थेबंदियों की सलाह है कि सब्जियों व दूध की सप्लाई बंद करने की बजाए सरकार के खिलाफ एकजुट होकर रोष प्रगट करना चाहिए ताकि सरकारों तक किसानों की आवाज बुलंद हो सकें। किसान यूनियन एकता उगराहा के जिला उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह मन्नेवाला का कहना है कि हमारा बंद का कोई आह्वान नहीं है लेकिन वह किसानों की मांगों को लेकर बिल्कुल साथ है क्योंकि उनको अपनी सब्जी व ओर फसलों का पूरा मूल्य मिलना चाहिए। अब देखना यह होगा कि छोटा किसान बंद के समर्थन में कितना हिस्सा डालता है क्योंकि जो बंद को लेकर फैसला लिया गया है वह किसानों के लिए पूरा करना आसान नहीं।

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