कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर गाड़े तंबू, देखें आंदोलन की तस्वीरें

punjabkesari.in Thursday, Sep 24, 2020 - 02:26 PM (IST)

नाभा: केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन पर उतरे किसानों द्वारा 24 से 26 सितम्बर तक पंजाब में रेल रोको आन्दोलन की दी गई चेतावनी के मद्देनजर 3 दिन के लिए पंजाब में रेल नहीं चलेंगी। राज्य में चलनी वाली सभी 14 स्पैशल रेलगाडिय़ां को 3 दिन के लिए रद्द कर दिया गया है। रद्द की गई अधिकतर ट्रेनों का आवागमन अम्बाला तक ही होगा। कुछ ट्रेनों के ठहराव और कइयों के रूट बदल दिए गए हैं। 


खेती बिलों के खिलाफ जहां अलग -अलग राजनीतिक पार्टियों की तरफ से रोष प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं भारतीय किसान यूनियन की तरफ से आर -पार की लड़ाई शुरू कर दी गई है। नाभा में भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) की तरफ से नाभा रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया गया और सैंकड़ों की संख्या में किसानों ने पहुंच कर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  वहीं बरनाला में किसानों ने  ने रेलवे ट्रैक पर टेंट गाड़ दिया और वहां धरने पर बैठ गए। 

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ समर्थन के लिए वकील भाईचारा भी साथ खड़ा हो गया और उन्होंने कहा कि यह जो काला कानून किसानों पर थोपा जा रहा है, यह किसी भी कीमत पर पंजाब में लागू नहीं होने देंगे। दूसरी तरफ़ किसानों ने कहा कि यह धरना 3 दिन लगातार जारी रहेगा और हम इस बिल को वापस करवा कर ही सांस लेंगे।उन्होंने कहा कि हम दिन -रात यह धरना जारी रखेंगे। लॉ एंड आर्डर को देखते हुए डी.एस. पी. नाभा रजेश छिब्बर ने कहा कि अलग -अलग पुलिस पार्टियां बनाईं गई हैं जिससे लॉ एंड आर्डर को कायम रखा जाए।

इस मौके पर नाभा बार ऐसोसीएशन के प्रधान ज्ञान सिंह मूंगो ने कहा कि हम किसानों के साथ हैं और सभी पंजाब का वकील भाईचारे मोदी सरकार के इस काले कानून का विरोध करते है। इस मौके पर किसान परमिन्दर सिंह ने कहा कि किसान किसी भी कीमत पर खेती बिलों को बर्दाशत नहीं करेंगे। उसने कहा कि आज तो हम लाईनों पर बैठ कर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं परन्तु आने वाले समय में दिल्ली जाकर भी रोड जाम किए जाएंगे और इस काले कानून को वापस लेकर हटेंगे। 

Vatika