टिकरी बार्डर पर बैठे  किसान की तबियत बिगड़ने से  हुई मौत

punjabkesari.in Wednesday, Nov 03, 2021 - 05:52 PM (IST)

लम्बी /मलोट (जुनेजा): पिछले कई महीनों से टिकरी बार्डर पर डेरा लगाकर बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता उगाहूं के 54 सालों के नेता की बीमारी करके घर पहुंचते ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार गुरजंट सिंह जंटां बी.के.यू.एकता उगाहूं का गाँव की कमेटी का मैंबर था और किसानी संघर्षों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता था। वह पिछले साल नवंबर महीनो में दिल्ली की सरहदों पर चल रहे किसानी मोर्चे दौरान लंबे समय से टिकरी बार्डर पर डटा हुआ था और 11 महीनों  से साढ़े 9 महीनों से अधिक समय वह टक्करी बार्डर पर रहा था। अब  भी वह पिछले 1 महीने से दिल्ली गया हुआ था, कल वहां उसकी तबियत खराब होने के कारण उसको घर लाया गया जहां आज सुबह उसकी मौत हो गई।

गुरजंट सिंह की मौत की खबर सुनते इलाके भर के सैकड़ों किसान गांव मे  एकत्रित हो गए ।  उसके बाद मृतक  को सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। गुरजंट सिंह साधारण छोटा किसान था जिसकी दो बेटियां और दो पुत्र थे। छोटे लड़के को छोड़कर बाकी तीनों ही शादीशुदा थे । उसकी मौत के बाद भारतीय किसान यूनियन एकता के जिला जनरल सचिव गुरभगत सिंह भलाईआना, ब्लाक प्रधान गुरपाश सिंह सिंघेवाला, मित्र प्रधान डा.हरपाल सिंह किल्यावाली, मलकीत सिंह गग्गड़, नौजवान नेता जगदीप सिंह बिल और बिट्टू कब्ज़ा करने समेत किसान नेताओं ने डिप्टी कमिशनर हरप्रीत सिंह सूदन को मिलकर मांग की कि  संस्कार के मौके पहुंचकर सरकारी मुआवजे और परिवार के मैबर को नौकरी देने का ऐलान किया जाए। दूसरी तरफ स्टाफ की हड़ताल करके डिप्टी कमिशनर ने लिखित तौर पर किसानों की मांग का भरोसा दिया जिसके बाद मृतक किसान का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की गई।

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Content Writer

Sunita sarangal

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