‘गांव बंद’ हड़ताल: सस्ती सब्जियां बेचने को मजबूर हुए किसान

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 08:57 PM (IST)

जालंधर: किसान संगठनों की ओर से एक से 10 जून तक की जा रही ‘गांव बंद’ हड़ताल का विपरीत असर देखने को मिल रहा है। 

किसान संगठनों की हड़ताल का गांवों के छोटे किसानों ने ही विरोध करना शुरू कर दिया है जिसके चलते किसानों का आंदोलन मंद पड़ता जा रहा है। हड़ताल कर रहे किसान संगठनों का आढ़तियों तथा छोटे किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। जालंधर की मकसूदां मंडी में कारोबार बंद रखने को लेकर कल रात किसानों ने मंडी के बाहर धरना दिया। किसानों का स्पष्ट कहना है की जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वह मंडी में व्यापार नहीं होने देंगे लेकिन आढ़ती पक्ष लगातार इसका विरोध कर रहा है। 

मंडी में तनाव बढ़ता देख तथा किसी भी तरह के टकराव को रोकने के लिए आधी रात को ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया तथा सुबह होने तक अर्धसैनिक बल को भी यहां तैनात कर दिया गया है। हड़ताली संगठनों द्वारा गांवों से सब्जियां तथा दूध आदि को शहर में नहीं बिकने देने के कारण किसान अपने उत्पादों को बेहद कम दामों में बेचने को मजबूर हो गए हैं। गावों के कई किसानों से बात करने पर पता चला कि कई किसानों ने कर्ज लेकर किराए के खेतों में सब्जियां उगाई हैं। उनका कहना है कि सब्जी बेच कर ही उनके घर का खर्च चलता है। किसानों ने बताया कि गावों में खरीददार नहीं मिलने के कारण उनकी सब्जियां खेतों में ही खराब हो रही हैं जिन्हें वह बहुत कम दामों में बेचने को मजबूर हैं। 

पंजाब में किसानों ने छह जून से हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है लेकिन हड़ताल का किसानों द्वारा ही विरोध करने के कारण आज स्थानीय मंडी में कुछ सब्जियां बिकने के लिए पहुंची तथा पांच जून से ही मंडियों में कारोबार शुरू होने की उम्मीद है। किसान संगठनों भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), भाकियू (लक्खोवाल), भाकियू (सिद्धूपुर), इंडियन फार्मर एसोसिएशन, भाकियू (कादियां) व प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) ने फैसला किया है कि छह जून को मध्य प्रदेश में पिछले साल आंदोलन में शहीद होने वाले छह किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। 


 

Vaneet