किसानों ने घेरा DC दफ्तर, BBMB व अन्य मुद्दे को लेकर दी चेतावनी

punjabkesari.in Monday, Mar 07, 2022 - 02:52 PM (IST)

जालंधर (राहुल, महेश, चोपड़ा): पंजाब विधान सभा मतदान के बाद किसान जत्थेबंदियों का केंद्र सरकार खिलाफ पहला धरना प्रदर्शन देखने को मिला। जालंधर के डी.सी. दफ्तर बाहर पंजाब की 9 किसान जत्थेबंदियों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। किसान जत्थेबंदियों की तरफ से यह धरना भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में से पंजाब की स्थायी मैंबरशिप छीने जाने को लेकर लगाया गया। 

इसके अलावा किसान जत्थेबंदियों ने सिटको के एम.डी. की नियुक्ति को लेकर भी केंद्र खिलाफ सवाल खड़े किए किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि मोदी सरकार संघीय ढांचे को खत्म करने जा रही है। पहले पंजाब में बी.एस.एफ. का दायरा बढ़ाया गया फिर बी.बी.एम.बी. में पंजाब की मैंबरशिप रद्द की गई और अब सिटको का एम.डी. केंद्र ने बदल दिया। पंजाब के पानियों पर भी केंद्र की मोदी सरकार डाका मार रही है। किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार अपना फैसला वापिस नहीं लेती तब तक उनके खिलाफ धरने प्रदर्शन जारी रहेंगे। 

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राष्ट्रपति के नाम पर डी.सी. को मांग पत्र सौंप किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट रूल्ज, 1974 में बदलाव करके भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में पंजाब की पक्की मैंबरशिप बंद कर दी है। इस तरह पंजाब को पानी के प्रबंध में से बाहर निकाल कर केंद्र सरकार की झांक पंजाब के पानी छीनने पर है। पंजाब को पहले ही पानी पूरा नहीं मिल रहा, पंजाब के बनते कुल पानी का चौथा हिस्सा ही मिलता है। पंजाब के साथ यह भेदभाव, पंजाब की फिर बांट से ही जारी है और इस धक्के के उलट पंजाब के लोग लंबे समय से लड़ रहे हैं। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में से पंजाब की नुमाइंदगी खारिज करना भी केंद्रीय हकूमत का उसी दिशा में उखाड़ा कदम है जबकि 1966 के पंजाबी राज्य अस्तित्व में आने समय से बी.बी.एम.बी. में नुमाइंदगी, पानी और बिजली सम्बन्धित हिस्सा तय हुआ है। एक तरफ पंजाब की धरती बंजर हो रही है। पंजाब के बड़े हिस्से में पानी का स्तर खतरनाक हद तक नीचे चला गया है। 

पंजाब के 117 ब्लाकों में से 109 ब्लाक डार्क जोन बन गए हैं। दूसरी तरफ पंजाब के पानियों को राजस्थान और दिल्ली को मुफ्त में लुटाया जा रहा है। दरियायी पानियों में से पंजाब का हिस्सा बढ़ाकर इस संकट का पक्का हल किया जाए। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब की सदस्यता बहाल की जाए। युक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग दुनिया भर की अमन शान्ति के लिए खतरा है। भारत सरकार दोनों देशों के साथ बातचीत करते इस जंग को जल्द खत्म करवाने के साथ-साथ नाटो जैसे फौजी गठजोड़ों को खत्म करने की मांग भी जोर-शोर से उठाते हुए अपनी भूमिका निभाए। यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय विद्यार्थियों की सुरक्षित देश वापसी के लिए यत्न ओर तेज किए जाएं।

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आगे बताते किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि चंडीगढ़ में मुलाजिमों की भर्ती के लिए पंजाब का निर्धारित कोटा घटा दिया गया है। यह बहुत निंदनीय है। पहले की तरह तय कोटा फिर बहाल किया जाए। लखीमपुर खीरी (यू.पी.) में चार किसानों और एक पत्रकार को कार के साथ कुचलने वाले और कत्ल अध्याय के मुख्य दोषी अशीष मिश्रा को जमानत पर बाहर आना हर तरह की गवाहियां और तथ्यों को प्रभावित करने के यत्न होंगे। 

अशीष मिश्रा को जमानत मिलने के साथ लखीमपुर खीरी में मारे गए किसान परिवारों पर भी डराने-धमकाने व लालच देने की तलवार लटकेगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन के नेतृत्व में बनी स्पैशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस कत्ल अध्याय को कोई लापरवाही की जगह किसानों को मारने के लिए बनाई एक साजिश करार दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से अशीष मिश्रा को दी गई जमानत और गृह राज्य मंत्री का राजनीतिक दबाव इस केस को प्रभावित करेगा इसलिए आशीष मिश्रा की डमानत रद्द करने के साथ-साथ केंद्र सरकार में मंत्री अजय मिश्रा टैनी का तुरंत इस्तीफा लिया जाना चाहिए।

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एक अन्य मांग रखते उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हिजाब-दस्तार मसला बहुत गंभीर है। देश में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। बराबरी और आजादी का संवैधानिक हक बरकरार रखते हुए इस घटना सम्बन्धित आरोपियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। किसानों ने कहा कि आज तो यह सिर्फ ट्रेलर है, आने वाले समय में धरने और बढ़ा दिए जाएंगे। रेलें भी रोकी जाएंगी और हाईवे भी जाम किए जाएंगे। यदि केंद्र सरकार ने बी.बी.एम.बी. का फैसला वापिस नहीं लिया। 23 फरवरी को केंद्रीय बिजली मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी करके भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब और हरियाणा के पक्के मैंबर के तौर पर नुमाइंदगी खत्म कर दी गई थी। 

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News Editor

Urmila

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