पंचायती जमीनों में पराली जलाने वाले किसान जमीन लेने के हक से होंगे वंचित

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2019 - 10:38 AM (IST)

चंडीगढ़ (शर्मा): सर्द ऋतु दौरान साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त वातावरण यकीनी बनाने के मद्देनजर पंजाब के कृषि विभाग ने पंचायती जमीनों में पराली जलाने वाले किसानों को भविष्य में उसके हक से वंचित करने की मांग की है। इसको अमल में लाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के पास पहुंच की गई है। 

कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि लगभग 1.37 लाख एकड़ जमीन कृषि अधीन है जिस कारण पराली को खुले में आग लगाने के गैर-सेहतमंद रुझान को प्रभावशाली ढंग के साथ नकेल डाली जा सकती है। विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट-1981 के तहत सरकार के आदेशों की यथावत पालना करवाई जाए। कृषि सचिव ने जरूरी हिदायतें जारी करने के लिए पंचायत विभाग को पत्र भी लिखा है। पंचायती जमीनें जोत रहे किसानों को प्रस्ताव संबंधी अवगत करवाया जा सके कि धान की फसल काटने के बाद खेतों में पराली जलाई तो पंचायती जमीन की बोली की प्रक्रिया में हिस्सा लेने के हक से वंचित कर दिया जाएगा। 

550 साला प्रकाश पर्व को समर्पित समारोहों का जिक्र करते हुए पन्नू ने कहा कि विश्वभर से लाखों की संख्या में संगत पंजाब आएगी तो हमारा फर्ज बनता है कि साफ-सुथरा और सेहतमंद वातावरण मुहैया करवाना यकीनी बनाया जाए। इस ऐतिहासिक और पवित्र मौके पर किसानों को पराली जलाने का रुझान त्याग करना चाहिए क्योंकि इससे वातावरण, जमीन की शक्ति के साथ-साथ मानवीय स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा खड़ा होता है। फसली अवशेष जलाने के दुष्प्रभावों संबंधी अवगत करवाने की जरूरत पर जोर देते हुए पन्नू ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग को कहा कि किसानों को इस रुझान से रोकने के लिए जोरदार मुहिम शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम के बिना किसी भी कम्बाइन को चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि इस सिस्टम से पराली के टुकड़े होकर खेतों में बिखर जाते हैं जिससे किसान पराली जलाए बिना अगली फसल बीज सकते हैं। 

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