मांग पत्र न लेने से भड़के दंगा पीड़ित, पावरकॉम का पुतला फूंक कर फिरोजपुर रोड किया जाम

punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2019 - 03:41 PM (IST)

लुधियाना(सलूजा): बिजली चोरी विरोधी मुहिम के तहत केवल दंगा पीड़ित परिवारों को टारगेट बनाने, भारी भरकम बिजली के बिल भेजने, बिजली के मीटर लगाने हेतु रिश्वत मांगने और बिजली की आंख मिचौली से बेहद खफा दंगा पीड़ित परिवारों ने आज दोपहर के समय 1984 सिख कत्लेआम पीड़ित वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान सुरजीत सिंह व बीबी गुरदीप कौर की अगवाई में बड़ी संख्यां में दंगा पीड़ित परिवारों ने पहले चीफ इंजीनियर पावरकॉम ऑफिस कैंपस के मेन गेट को ताला जड़ कर रोष प्रदर्शन किया। जब पावरकॉम के अधिकारियों ने इन दंगा पीड़ितों की कोई बात ना सुनी व इनसे मांग पत्र लेने से इंकार कर दिया तो यह भड़क गए। 

इन्होंने पंजाब सरकार मुर्दाबाद व पावरकॉम मुर्दाबाद के नारोंके बीच फिरोजपुर रोड पर पावरकॉम का पुतला फूंकते हुए जाम लगा दिया। जिससे वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लगने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम लगने की खबर मिलते ही पुलिस के उच्च अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए और उनके द्वारा पर्चे दर्ज करने की चेतावनी देने के बाद यह दंगा पीड़ित परिवार फिरोजपुर रोड से उठ कर एक बार फिर पावरकॉम ऑफिस के बाहर आकर धरने पर बैठ गए। धरनाकारियों ने अपने हाथों में पावरकॉम के अधिकारियों व मुलाजिमों को सुधर जाने की चेतावनी देते बैनर व सलोगन भी पकड़े हुए थे। 1984 सिख कत्लेआम पीड़ित वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान सुरजीत सिंह व बीबी गुरदीप कौर ने बताया कि बिजली विभाग की तरफ से चैकिंग के समय केवल दंगा पीड़ित परिवारों को ही निशाना बनाया गया। जब कि सीआरपी कॉलोनी में सरकारी मुलाजिमों के अलावा गैर दंगा पीड़ित परिवार भी पिछले काफी समय से यहां पर रह रहे हैं। उनके बिजली कनैक्शन चैक नहीं किए गए। इससे यह साबित हो गया है कि पावरकॉम के अधिकारी किस हद तक पीड़ित परिवारों के साथ रंजिश रखते हैं। यह भी एक सच्चाई है कि दंगा पीड़ित परिवार तो पहले ही आर्थिक मंदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। 

इन परिवारों को सरकार की तरफ से कोई राहत देने की जगह 2 से 2.5 लाख रूपए की पैनलटी डाली गई है। जब कि बहुत से दंगा पीड़ित परिवार अपने परिवार का गुजारा चलाने की खातिर ऑटो रिक्शा चलाने का काम करते हैं। यह परिवार प्रति महीनों 5 से 7 हजार रूपए कमाते हैं। इन हालातों में किस तरह यह परिवार लाखों रूपए के जुर्माने की अदायगी किस तरह कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली मीटर लगाने के बदले में बिजली विभाग के मुलाजिम उनसे रिश्वत मांगते है। बिजली बिलों को ठीक करवाने के लिए उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बिजली की आंख मिचौली का दौर लगातार जारी रहने से इस मौसम में उनका जीना दुभर हुआ पड़ा है। यह गरीब लोग कहां से पैसे लिया कर इन बिजली वालों को दें। 

उन्होंने पावरकॉम अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि दंगा पीड़ितों को जुर्माने के भेजे नोटिस वापिस ना लिए तो फिर आंदोलन को तेज करते हुए पावरकॉम के हैडक र्वाटर का घेराव करके रोष प्रदर्शन किया जाएगा और तीखे आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। इससे निकलने वाले नतीजों के लिए सीधे तौर पर पंजाब सरकार व पावरकॉम की मैनेजमैंट ही जिम्मेवार होगी। इस रोष प्रदर्शन में अमरजीत सिंह राजपाल, कुलदीप सिंह कोहली, रजिंदर सिंह भाटिया, चरनजीत सिंह, हरपाल सिंह, सतनाम सिंह, इंद्रपाल सिंह, हरभजन सिंह, हरमीत सिंह, अमरजीत सिंह, जसपाल सिंह, हरमीत सिंह, जसपाल सिंह, बीबी गरीब कौर, सुरिंदर कौर, हरदीप कौर व मनजीत कौर भी शामिल हुए। यहां पर यह बता दें कि पावरकॉम की तरफ से मांग पत्र लेने व उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा देने पर धरनाकारी दंगा पीड़ितों ने अपना धरना खत्म कर दिया।
 

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