अब कैप्टन के 2005 पाक दौरे पर उठी उंगलियां

punjabkesari.in Thursday, Nov 29, 2018 - 08:34 AM (IST)

जालंधर(नरेश कुमार): करतारपुर कॉरीडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तान द्वारा दिए गए निमंत्रण को ठुकराने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर जहां एक तरफ सोशल मीडिया में हमले शुरू हो गए हैं।  वहीं सियासी विरोधी भी इस मुद्दे पर कैप्टन को घेरने में लग गए हैं। विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता सुखपाल खैहरा ने बुधवार को ट्वीट कर भाजपा के मुख्य एजैंडे पर काम करने का आरोप लगाया है।

इस बीच तख्त दमदमा साहिब के समानांतर जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने तो मुख्यमंत्री को 2005 में उन्हें पाकिस्तान से तोहफे के रूप में मिले घोड़े की याद तक दिला दी है। इससे पहले कैप्टन के अपने कैबिनेट सहयोगी सुखजिंदर रंधावा इस मामले में उनसे अलग स्टैंड ले चुके हैं। उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें पाकिस्तान से निमंत्रण मिलता तो सच्चे सिख होने के नाते वह पाकिस्तान जरूर जाते। हालांकि पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह इस मामले में कैप्टन अमरेंद्र सिंह का समर्थन कर चुके हैं। 

क्या हुआ था 2005 में 

कैप्टन अमरेंद्र सिंह 2002 में जब मुख्यमंत्री बने थे तो वह स्वर्ण पालकी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बीड़ लेकर वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान गए थे। यह स्वर्ण पालकी ननकाना साहिब में भेंट की गई थी। उस समय यह सारा कार्यक्रम दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के नेतृत्व में हुआ था।  स्वर्ण पालकी साहिब दिल्ली से 700 किलोमीटर का सफर तय कर श्री ननकाना साहिब पहुंची थी। उस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने इस समारोह का बहिष्कार किया था। कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपने दोस्त और पाकिस्तानी पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री परवेज इलाही के लिए पश्मीना शाल के अलावा महंगे तोहफे लेकर गए थे जबकि वापसी पर परवेज इलाही ने उन्हें पाकिस्तानी घोड़ा देकर नवाजा था। इस घोड़े को लेने के लिए खासतौर पर एनिमल हस्बैंड्री विभाग की टीम के अफसर पाकिस्तान गए थे। 

भाजपा का एजैंडा चला रहे कैप्टन : खैहरा
वहीं कैप्टन पर निशाना साधते हुए आप नेता सुखपाल खैहरा ने कहा यदि कैप्टन अमरेंद्र सिंह 2005 में मुख्यमंत्री रहते हुए श्री ननकाना साहिब में स्वर्ण पालकी देने के लिए खुद ननकाना साहिब जा सकते हैं तो इस बार वह करतारपुर साहिब क्यों नहीं गए? मुख्यमंत्री का पाकिस्तान पर पंजाब में आतंक फैलाने का तर्क इसलिए गले नहीं उतरता क्योंकि उस समय भी कमोबेश यही हालात थे। क्या पाकिस्तान का निमंत्रण ठुकरा कर कैप्टन भाजपा के एजैंडे पर काम कर रहे हैं?    
 

If @capt_amarinder could visit Pak in Nov 2005 to offer “Palki”at Nankana Sahib why’s he not going now?His logic of terror activity by Pak holds no ground as it was same situation then too! Is he carrying out d hidden agenda of Bjp? -khaira @ZeePunjab @News18Punjab @JagbaniOnline pic.twitter.com/qdxRf35bQb

— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) November 28, 2018

पाक से गिफ्ट में मिला घोड़ा कहां है : दादूवाल
दूसरी तरफ तख्त श्री दमदमा साहिब के समानांतर जत्थेदार  बलजीत सिंह दादूवालने कहा कि मुख्यमंत्री 2005 में जब पाकिस्तान गए थे तो उनके मित्र परवेज इलाही ने उस वक्त उन्हें घोड़ा दान किया था। कैप्टन कम से कम यह तो बता दें कि वह घोड़ा कहां है? मुख्यमंत्री ने पूर्व फौजी होने के नाते देशभक्ति को अपने फैसले का आधार बनाया है, मैं खुद एक फौजी का बेटा हूं और भारत की धरती पर फैलाए जाने वाले किसी भी तरह के आतंकवाद के खिलाफ हूं लेकिन मुझे लगता है कि यह मौका सियासत करने का नहीं था। यदि कैप्टन कॉरीडोर पूरा होने पर पहले जत्थे के साथ जाने की बात कह रहे हैं तो उन्हें यह पहल अभी करनी चाहिए थी।    

 


     

Naresh Kumar