नाभा कृषि जेल में कैदियों की ओर से की गई भूख हड़ताल खत्म

punjabkesari.in Thursday, Jun 07, 2018 - 10:24 PM (IST)

नाभा(जैन): नाभा कृषि जेल के अंदर आज 70 कैदी की तरफ से गई भूख हड़ताल खत्म कर दी गई है। डी.आई.जी. लखविन्दर सिंह जाखड़ ने कैदियों को भरोसा दिलाया कि उनकी परेशानियों का हल किया जाएगा जिस के बाद कैदियों की तरफ से भूख हड़ताल खत्म की गई। 

गौरतलब है कि स्थानीय ओपन कृषि जेल में कैदियों ने जेल सुपरिडैंट शुद्ध सिंह की परफॉर्मेंस के खिलाफ रोष प्रकट करने के लिए इकठ्ठा हो कर जबरदस्त नारेबाजी शुरू कर दी जिस के साथ जेल विभाग की किरकिरी हुई। इस समय इस जेल में उम्र कैद की सजा भुगत रहे 70 कैदी बंद हैं। इस जेल का उद्घाटन 44 साल पहले ज्ञानी जेल सिंह शासन दौरान हुआ था। यह उत्तरी भारत की ऐसी अकेली जेल है, जहां कत्ल के आरोपों के अधीन सजा पा चुके कैदियों को काम करने की आजादी है, वह बैरकों में रहते हैं और कृषि करते हैं। 

कृषि से सरकार को अच्छी आमदन होती है। कैदियों ने सुबह ही हड़ताल करके धरना भी दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुपरिडैंट की तरफ से पिछले कुछ महीनों से उन को मानसिक परेशान किया जा रहा है। पारिवारिक सदस्यों को रात समय जेल में रहने नहीं दिया जाता और कथित चापलूसों को ही मोटरों पर लगा दिया जाता है। जेल सुपरिडैंट सुच्चा सिंह ने संपर्क करने पर कैदियों की तरफ से लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। 

पत्रकारों की तरफ से पूछे गए सवालों का जवाब देने से सुपरिडैंट ने टालमटोल भी कर दिया। वर्णनयोग है कि पिछले 44 सालों दौरान इस जेल में कभी भी कोई आंदोलन या असुखद घटना नहीं घटी परन्तु अब कुछ महीनों से कैदी मानसिक परेशान नजर आ रहे हैं, जिस ने जेल प्रबंधकों की कारगुजारी पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। कैदियों का कहना है कि हमें धूप में मुख्य सड़क पर बैठ कर सब्जी बेचने के लिए कहा जाता है और रात को ताला लगा दिया जाता है जब कि इस से पहले किसी भी जेल ने ऐसा नहीं किया। 

Vaneet