अमृतसर में 50 मिनट में 100 झोंपडिय़ां जल कर राख, 12 बच्चे झुलसे, 3 गायब(तस्वीरें)

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 10:21 PM (IST)

अमृतसर(रमन): जहाजगढ़ स्थित चमरंग रोड पर दोपहर बाद 50 मिनट की भीषण आग में 100 से अधिक झोपडिय़ां जलकर राख हो गईं। पार्षद शलेन्द्र शैली ने अपनी टीम सहित जान पर खेलकर झोंपिडय़ों में लगी आग दौरान बच्चों को बाहर निकाला व उन्हें अस्पताल पहुंचाया। 200 मीटर की दूरी पर पटाखा मार्कीट की दुकानें हैं। आग ज्यादा भीषण होने के कारण नगर निगम की फायर ब्रिगेड ढाब बस्ती राम सेवा सोसायटी की गाडिय़ों  के अलावा  एयरपोर्ट से भी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मंगवाई गईं लेकिन तब तक सभी झोंपडिय़ां जलकर राख हो चुकी थीं। इनमें 600 के लगभग आबादी है, जोकि कहीं भीख तो कहीं काम करके अपना गुजारा चलाते हैं। 

आग लगने का कारण शार्ट सॢकट बताया जा रहा है। आग लगने की घटना के विरोध में लोगों ने सड़क जाम कर प्रशासन का विरोध किया लेकिन पुलिस ने शांत करवाकर उन्हें सामने पार्क में बैठाया।  झोपडिय़ों में रहने वालों ने बताया कि यह किसी ने शरारत की है। इसमें उनके 12 बच्चे बुरी तरह झुलस गए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। 3 बच्चे गायब हैं। उन्हें आसपास के लोग झोपडिय़ों के मलबे में ढूंढने में जुटे रहे। जबकि गायब बच्चों के बारे में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है।  सायं करीब 8.30 बजे तक पीड़ित लोग पुन: अपनी झोपडिय़ों वाले स्थान पर आकर बैठ गए थे और समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से इन लोगों को कपड़े व खाने-पीने का सामान मुहैया करवाया गया। इस मौके पर ए.डी.सी. विकास हीरा, ए.डी.सी.पी. जगजीत सिंह वालिया, एस.एच.ओ. नीरज कुमार, गुरमीत सिंह आदि पहुंचे। 

कबाड़, बारूद से भरा जहाजगढ़
जहाजगढ़ में पटाखा मार्कीट भी है जो बारूद से भरी पड़ी है। वहीं कबाड़ पुरानी कारों व गाडिय़ों आदि के 30-30 फीट तक लम्बे-ऊंचे ढेर लगे हैं। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने आग को झुग्गी-झोंपडिय़ों से आगे नहीं जाने दिया, वहीं अगर आग की एक ङ्क्षचगारी थोड़ी दूर और पहुंच जाती तो काफी बड़ा नुक्सान हो सकता था। इस कबाड़ को लेकर कई बार लोगों द्वारा प्रशासन को लिखित में दिया गया पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आग लगने दौरान झोंपडिय़ों में से कई गैस सिलैंडर निकाले गए, हालांकि आग में कोई भी ब्लास्ट नहीं हुआ।

मेरा भाई नहीं आया नजर : ऊषा
झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाली ऊषा ने कहा कि उसका 10 वर्षीय भाई पिन्टू भी गायब है। ऊषा ने कहा कि सभी तरफ खोजा गया, लेकिन कहीं नजर नहीं आया। 

जानबूझकर लगाई आग: झोंपड़ी निवासी 
झोंपडिय़ों में रहने वाली आशा, ममता, सोनी, अनीता कुमारी, मंजू देवी आदि ने बताया कि यहां करीब 100 झुग्गी-झोंपडिय़ां हैं। सारा दिन बच्चे इन झोंपडिय़ों में होते हैं। उन्हें इलाके के एक व्यक्ति द्वारा कई बार डराया-धमकाया गया व कई बार तलवारें आदि से भी यहां से निकालने को कहा गया है। कई बार सिगरेट से झोंपडिय़ां जलाने की धमकियां दी गई हैं। यह आग उसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर लगाई गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि आग लगने का कारण सामने लाया जाए एवं उनके सारे परिवारों को छत मुहैया करवाई जाए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Vaneet