''दाता जी! हुण मेहर करो...'' शायद यही पुकार कर रहे हैं बाढ़ प्रभावित लोग
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 03:07 PM (IST)

बटाला (साहिल) : 'दाता जी! हुण मेहर करो...' शायद यही पुकार कर रहे हैं बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग। जी हां! आज हम बात करने जा रहे हैं रावी नदी से सटे अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर स्थित कस्बा रामदास के अंतर्गत आने वाले सीमावर्ती गांवों की, जहां लगातार हो रही भारी बारिश और नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर उठने के कारण बड़ी संख्या में गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
इसी के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के अन्य राजनेता प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर मीडिया के सामने बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक मदद मुहैया करवाने की राग अलापते सहज ही नजर आ रहे हैं। इसके अलावा जिलाधीश अमृतसर साक्षी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की ओर से बाढ़ पीड़ितों की मदद हेतु आगे आते हुए राहत सामग्री व खाने पीने की वस्तुओं सहित अन्य समान मुहैया करवाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही।
किन्तु अभी भी कई ऐसे बाढ़ प्रभावित गांव हैं, जहां रहने वाले लोगों तक कोई भी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं, जिसके कारण बिजली गुल होने के साथ-साथ बाढ़ पीड़ितों को भोजन, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बाढ़ ने गांवों के लोगों पर इस कदर कहर ढाया है कि गांवों की हालत देखकर आम आदमी की आंखों से आंसू निकल आते हैं, गांवों में रहने वाले परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भूखमरी का शिकार हो गए हैं जबकि मौजूदा सरकारों ने हालात की पहले से जानकारी होने के बावजूद भी गाँवों को बाढ़ से बचाने के लिए कोई ठोस प्रबंध नहीं किए, जिसके कारण आज पूरे पंजाब में ऐसे हालात पैदा हो गए हैं।
वहीं, अगर इसे मौजूदा सरकारों की कथित लापरवाही का नतीजा कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हालांकि आज समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ शिरोमणि कमेटी भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रही है और लंगर, पानी और नाव आदि सहित हर संभव सहायता प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन मौजूदा सरकार के प्रबंध बेअसर ही नजर आ रहे हैं।
जब पत्रकारों की टीम ने रमदास कस्बे के आस-पास के सीमावर्ती गांवों का दौरा किया तो कई लोगों ने बताया कि हालांकि आम जनता द्वारा उनके लिए रोजाना लंगर और पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन यहां पर दवाइयों की भारी कमी होने के चलते भविष्य में स्किन या अन्य किसी प्रकार की भयानक बीमारियां फैलने के खदसा पैदा हो सकता। इसलिए सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द हमारे बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए बड़े पैमाने पर दवाइयों का प्रबंध किया जाए ताकि लोगों को भयानक बीमारियों से बचाया जा सके।
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