घग्गर नदी के किनारों को मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री केन्द्रीय मंत्रियों व अधिकारियों से मिलेंगे

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2019 - 09:22 AM (IST)

पटियाला/घग्गा/ संगरूर (राजेश, स्नेही, विवेक सिंधवानी, बेदी): घग्गर नदी का नियंत्रण केन्द्रीय जल आयोग के हाथों में जाने के लिए अकालियों को जिम्मेदार ठहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि वह घग्गर नदी के किनारों को मजबूत बनाने के लिए दबाव डालने के लिए केन्द्र सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों से जल्द मुलाकात करेंगे क्योंकि इन किनारों के कमजोर होने के कारण राज्य के पटियाला व संगरूर जिलों में बाढ़ आई है। इससे खेतों में खड़ी फसलों व अन्य परिसम्पत्ति को भारी नुक्सान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने आज अपने मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार तथा मीडिया प्रभारी रवीन ठकुराल के साथ बाढ़ से प्रभावित पटियाला व संगरूर जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1966 में पंजाब का विभाजन अकालियों के कारण हुआ जिससे पंजाब की घग्गर नदी का नियंत्रण केन्द्रीय जल आयोग के हाथों में चला गया, जिसके कारण घग्गर नदी के किनारों को मजबूत बनाने का नियंत्रण भी पंजाब के हाथों से निकल गया, जिससे बाढ़ आ रही है। उन्होंने कहा कि 2002 से 2007 के कांग्रेस कार्यकाल के दौरान घग्गर नदी के किनारों को मजबूत बनाने का अभियान शुरू किया गया था परन्तु अकालियों ने सत्ता में आने के बाद इस कार्य को रोक दिया था। 

उनकी पिछली सरकार ने घग्गर नदी के 22 कि.मी. क्षेत्र में किनारों को मजबूत बना दिया था परन्तु उसके बाद इस कार्य के लिए एक भी पैसा पूर्व अकाली सरकारों ने जारी नहीं किया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा को आह्वान किया कि वह बाढ़ की रोकथाम के लिए पंजाब का साथ दे और पंजाब तथा हरियाणा दोनों क्षेत्रों में घग्गर नदी के बांधों को मजबूत बनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि घग्गर नदी भटिंडा में भी समस्याएं पैदा कर रही है, जहां पुलिस लाइन में पानी जमा हो गया। पिछले 40 वर्षों में भटिंडा में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है। मूनक में मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्रर से कहा कि वह बाढ़ के कारण जिन 28 घरों को नुक्सान पहुंचा है, उन्हें तुरन्त मुआवजे का भुगतान करे। उन्होंने अधिकारियों को फायर ब्रिगेड तथा जे.सी.बी. मशीनों को प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को ऊंचा करने के लिए भेजने के निर्देश दिए। 

पटियाला में 50 हजार तथा संगरूर में 10 हजार एकड़ क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारत सरकार से बात करेंगे कि वह केन्द्रीय जल आयोग को निर्देश दे कि वह पंजाब को मकरोर साहिब से करेल (17.5 कि.मी.) क्षेत्र में प्रोजैक्ट के दूसरे चरण को पूरा करने की अनुमति प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने संगरूर में मूनक क्षेत्र में रुकने से पहले राजपुरा, घन्नौर तथा शतुराणा का भी हवाई सर्वेक्षण किया और कहा कि पटियाला में 50 हजार एकड़ तथा संगरूर जिले में 10 हजार एकड़ में क्षेत्र में खड़ी फसल घग्गर नदी में आई बाढ़ के कारण बर्बाद हुई।  मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही सरकार को विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट मिलेगी, वैसे ही पैसा जारी कर दिया जाएगा।

घग्गर नदी के किनारे की मुरम्मत के लिए 60 लाख देने का ऐलान

मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से भी कुछ स्थानों पर मुलाकात की तथा उन्हें भरोसा दिया कि स्थानीय प्रशासन, सेना, राष्ट्रीय आपदा राहत फोर्स हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार है। नहर में आई दरार को भरने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। बाद में मुख्यमंत्री भादसों में फसलों को पहुंचे नुक्सान का जायजा लेने गए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण जो लोग घायल हुए थे, उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है परन्तु बाढ़ के कारण कोई भी जानी नुक्सान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने सिरकापदा गांव में घग्गर नदी के ध्वस्त हुए बांध की मुरम्मत के लिए 60 लाख रुपए की राशि जारी करने की घोषणा की। 

swetha