सीवरेज का गंदा पानी कर रहा किसानों को बर्बाद,बस्सी पठाना के गांव में बनी बाढ़ जैसी स्थिति

punjabkesari.in Monday, Mar 16, 2020 - 09:40 AM (IST)

बस्सी पठाना(राज कमल): पिछले कुछ दिनों से हो रही बरसात के कारण जहां किसानों की फसलों को भारी नुक्सान पहुंच रहा है, वहीं हलका बस्सी पठाना के गांव नंदपुर कलोड़ के किसान ऐसी दुविधा में फंस गए हैं कि वे अपने घर बचाएं या अपनी फसलें। वे अपनी खड़ी फसलों में जे.सी.बी. मशीनें घुसा कर बांध बना रहे हैं। वे अपनी फसलों को खुद उजाडऩे के लिए मजबूर हैं। इसका प्रमुख कारण बरसात के अलावा पिछले करीब 3 वर्षों से खरड़ सीवरेज का आ रहा गंदा पानी है। इस गांव में बरसात के दिनों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। 

गत रात्रि भी जब ऐसी ही स्थिति पैदा हो गई तो एस.डी.एम. पवित्र सिंह ने इस स्थिति पर काबू पाने तथा रैस्क्यू आप्रेशन चलाने के लिए देर रात्रि करीब 11 बजे विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी आदेश दिए। गांव वासी अपने तौर पर बांध लगा कर पानी रोकने या पानी खाली जगहों की तरफ निकाल कर अपने घरों व फसलों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। 

गांव के किसानों दर्शन सिंह मावी, जसविन्द्र सिंह मैण माजरी, बलवीर सिंह, रणजीत सिंह, जगीर सिंह, सतनाम सिंह, संत सिंह, भिन्द्र सिंह, गुरमेल सिंह, रणबीर सिंह, तारा सिंह, मनवीर सिंह, जसवीर सिंह  ने कहा कि पिछले 3 दिनों से हो रही बरसात और खरड़ सीवरेज से आ रहे गंदे पानी के कारण नंदपुर कलोड़ तथा आस-पास के 3-4 गांवों के घरों में पानी दाखिल होने लगा, इस कारण किसानों को मजबूर होकर यह पानी अपने खेतों की ओर निकालना पड़ा, जिसके चलते 70-80 किसानों की करीब 100 एकड़ गेहूं की फसल पानी में डूबने से खराब हो गई। उन्होंने कहा कि खरड़ सीवरेज बोर्ड की लापरवाही के कारण वे अपने घरों को गिरने से बचाने के लिए अपनी फसलों का नुक्सान करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

पूरी रात लोग पानी रोकने के लिए लगाते रहे बांध 
बरिश्ता व रामावती ने बताया कि गांव के कई गरीब परिवारों के घरों में बरसाती और सीवरेज का पानी दाखिल होने लगा तो गांव निवासियों द्वारा इन घरों को बचाने के लिए जहां पानी को खेतों या अन्य खाली जगहों की तरफ काटा गया, वहीं तेज रफ्तार से आ रहे पानी को रोकने के लिए किसान एकजुट होकर रात भर बांध लगाते रहे। गांव के किसानों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से खरड़ सीवरेज बोर्ड द्वारा गंदे पानी की निकासी का प्रबंध अपने इलाकों में करने की बजाए उनके गांवों की तरफ किया जा रहा है जिस कारण उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

किसान बोले- नहीं हो रही सुनवाई 
गांव के किसानों का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर जहां खरड़ सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को मिल चुके हैं, वहीं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों व मंत्रियों के साथ मुलाकात की जा चुकी है, परंतु अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है, जब भी गांव में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है तो इससे गांव निवासी खुद ही निपटते हैं। इस प्रकार गांव के लोग शासन-प्रशासन के निकम्मेपन के कारण इससे खुद ही निपटते आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी खतरनाक स्थिति होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके लिए कुछ नहीं किया।

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