अहम खबर: PGI में पहली बार बिना ओपन सर्जरी के बचाई 75 वर्षीय महिला की जान

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2023 - 10:54 AM (IST)

चंडीगढ़: पी.जी.आई. में पहली बार हार्ट के मरीज का इलाज ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमैंट (टी.ए.वी.आर.) के जरिए किया गया है। यह हार्ट के मरीजों के लिए एक ऐसी टैक्निक है जिसमें ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। मरीज के पैर की नस के जरिए वॉल्व को दिल तक ले लाया जाता है। पुराने वॉल्व के अंदर नए वॉल्व को गुब्बारे की मदद से स्थापित कर दिया जाता है। पी. जी. आई. कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ विजय वर्गीय की देख रेख में यह सर्जरी हुई है। डा. वर्गीय ने बताया कि 75 साल की महिला में यह सर्जरी की गई है। मरीज पहले से बेहतर है और दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पी.जी.आई. में ही नहीं बल्कि नॉर्थ रीजन में यह पहली ऐसी सर्जरी है। जहां इस टैक्निक का इस्तेमाल किया गया है। यह टैक्निक अपने आप में खास इसलिए यह है कि इसमें मरीज को ओपन सर्जरी से नहीं गुरजना पड़ता। यह सर्जरी उम्रदराज मरीज के लिए बहुत अच्छी है, क्योंकि उम्र के साथ मुश्किलें बढ़ जाती हैं और रिकवरी अच्छी नहीं रहती है।

मरीज को प्रोसीजर के बाद जल्दी रिकवरी
मेन आर्टरी वाल्व स्टेनोसिस के गंभीर लक्षणों से पीड़ित रोगियों में वाल्व इम्प्लांटेशन किया जाता है। इसका मकसद स्टेनोज्ड या कैल्सीफाइड एओर्टिक वॉल्व को नए वॉल्व से बदलना है, जो मरीज ओपन हार्ट सर्जरी के लिए के लिए फिट नहीं होते उनके लिए यह टैक्नीक काफी कारगर है। खास बात यह है कि इसमें मरीज को प्रोसीजर के बाद जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाता है। कोई चीर-फाड़ नहीं होती है, इसलिए मरीज जल्द नॉर्मल लाइफ पर लौट आता है।

वॉल्वो के जोखिम को कम करता है
वाल्वों के हार्ट वाल्व खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। जब दिल में मौजूद 4 में से एक या एक से ज्यादा वॉल्व काम नहीं करते हैं तो हार्ट वॉल्व बदलना पड़ता है। डॉक्टरों के मुताबिक कुछ सालों से करीब जोखिम सभी मरीजों में ओपन हार्ट सर्जरी की बजाय इस नई टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। को कम यह ओपन हार्ट सर्जरी में इस्तेमाल किए जाने वाले वाल्वों की तुलना में टी.ए.वी.आर. प्रक्रिया में यूज किए जाने वाले वाल्वों के जोखिम को कम करता है। टी.ए.वी.आर. उन मरीजों के लिए बहुत अच्छा करता है है जिनकी ओपन हार्ट सर्जरी कुछ मैडिकल कारण से नहीं हो सकती है।

Content Writer

Vatika