स्पा सैंटर की आड़ में चल रहा है जिस्मफराेशी का धंधा, विदेशों से लाई जाती हैं लड़कियां

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 11:35 AM (IST)

जालंधर(कमलेश): अमृतसर का माफिया डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय से बड़े स्तर पर जालंधर में स्पा सैंटरों की आड़ में देह व्यापार का धंधा चला रहा है। सबसे पहले उसने हाईवे पर स्थित मॉल में स्पा सैंटर खोलकर देह व्यापार की शुरूआत कराई। मौजूदा समय में उक्त मॉल में वह 3 सैंटर खोल चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने इस धंधे को फैलाते हुए मॉडल टाऊन, गढ़ा में भी 2 सैंटर खोल दिए हैं। माफिया कुल मिलाकर इस समय जालंधर में 5 सैंटर चला रहा है।


 

5 लोगों का ग्रुप अंजाम दे रहा है इस धंधे को
सूत्रों के अनुसार इस धंधे में विस्तार करने के लिए जालंधर में कई अन्य जगहों पर भी सैंटर खोलने जा रहा है। इस आर्गेनाइज्ड क्राइम को 5 लोगों का ग्रुप अंजाम दे रहा है। हर पार्टनर ने अपना काम बांटा हुआ है। इनमें से कोई इमीग्रेशन विभाग को संभालता है तो कोई पुलिस को संभालने की जिम्मेदारी लेता है। इनमें से एक पार्टनर के तार पंजाब के नामी गैंगस्टर से भी जुड़े हुए हैं और जालंधर में ये तीनों इस गोरखधंधे को अंजाम देकर करोड़ों रुपए छाप रहे हैं। माफिया पहले से ही अमृतसर में भी 5 से 6 स्पा सैंटर चला रहा है।

ग्राहकों के आगे परोसी जाती हैं विदेशों से बुलाई गई लड़कियां
सूत्रों के मुताबिक माफिया अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विदेशी लड़कियों को उनके आगे परोसते हैं। इसी सर्विस के लिए उनसे मनमाने पैसे वसूले जाते हैं। विदेशी लड़कियों को बैंकॉक से हायर किया जाता है। अधिकतर विदेशी स्टाफ को 2 से 3 माह में बदल दिया जाता है। माफिया ने अब पंजाब, दिल्ली व अन्य राज्यों से भी स्टाफ को हायर करना शुरू कर दिया है। विदेशी स्टाफ के लिए पॉश इलाके में कोठियां किराए पर ली जाती हैं और रात को सैंटर बंद होने के बाद उन्हें कार द्वारा कोठी में ड्रॉप किया जाता है। माफिया विदेशी लड़कियों पर भी पूरी नजर रखता है कि कहीं वे शाम के समय काम के बाद किसी बाहरी व्यक्ति के सम्पर्क में न आएं क्योंकि ऐसा होने से उनके धंधे पर खतरे के बादल मंडरा सकते हैं।

टूरिस्ट वीजा पर लाई जाती हैं विदेशी लड़कियां
सूत्र बताते हैं कि स्पा सैंटर में काम करने वाली लड़कियों को बैंकॉक से टूरिस्ट वीजा पर लाया जाता है और उनसे बैंकॉक में ही पैसे के लेने-देन की डील कर ली जाती है। टूरिस्ट वीजा पर भारत में लाकर उनसे देह व्यापार कराया जाता है। माफिया में से एक पार्टनर बैंकॉक की लड़कियों से सम्पर्क साधता है और उन्हें अच्छी कमाई होने का विश्वास दिलाकर भारत में लाता है।

व्हाट्सएप पर तस्वीरें भेजकर ग्राहकों को  करते हैं आकर्षित
माफिया ने जालंधर के लोगों का मोबाइल डाटा एकत्रित कर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है और इसी ग्रुप में प्रतिदिन लड़कियों की फोटोग्राफ्स डाली जाती हैं और मसाज के लिए अलग-अलग ऑफर्स दिए जाते हैं। मैसेज के अलावा स्टाफ की ओर से कॉलिंग भी की जाती है और ग्राहकों से स्पा सैंटर में आने की गुजरिश की जाती है और अच्छी सर्विस उपलब्ध कराए जाने का वायदा किया जाता है।

 

जालंधर में अब तक  स्पा सैंटरो पर एक बार ही हुई कार्रवाई
जालंधर पुलिस ने पिछले कुछ सालों में सिर्फ एक ही स्पा सैंटर पर कार्रवाई की थी। इस दौरान पुलिस ने उक्त स्पा सैंटर से आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया था। पुलिस ने स्पा में काम कर रही लड़कियों को कोर्ट में पेश कर जेल भी भेजा था लेकिन इस मामले में पुलिस स्पा सैंटर के मालिक तक नहीं पहुंच पाई थी। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद स्पा की आड़ में देह व्यापार करवा रहे लोगों में खौफ जरूर छाया था लेकिन 6 महीने बाद अमृतसर के माफिया ने जालंधर में एंट्री कर दी थी। उसके बाद से ही अब तक पुलिस उक्त माफिया तक पहुंच ही नहीं पाई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को मामले की पूरी जानकारी है लेकिन राजनीतिक पहुंच और उच्च पुलिस अधिकारियों में माफिया के कुछ खास लोगों की पहचान है जिसके चलते माफिया बेधड़क अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।

ऐसे मामलों में क्या कहता है कानून
जानकारी लेने के लिए एडवोकेट अर्जुन खुराना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर किसी स्पा सैंटर का मालिक, किराएदार, मैनेजर या कोई और काबिज व्यक्ति जानबूझकर उस पार्लर में वेश्यावृत्ति का काम करवाता है तो वह पार्लर इम्मोरल ट्रैफिक प्रीवैंशन एक्ट 1956 के दफा 2 के तहत ब्रोथल की परिभाषा के अधीन आएगा और ऐसे व्यक्ति को दफा 3 के तहत कानून में 5 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही दफा 5 के तहत ऐसा व्यक्ति अगर दूसरे व्यक्ति की मर्जी के खिलाफ उससे वेश्यावृत्ति करने पर मजबूर करता है तो उसे 14 साल तक की सजा हो सकती है और अगर यह दूसरा व्यक्ति एक बच्चा है तो इसमें सजा उम्रकैद भी हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति मजबूरी के कारण वेश्यावृत्ति के काम से जुड़ा है तो वह व्यक्ति दफा 19 के तहत इलाका मैजिस्ट्रेट को मदद के लिए एप्लीकेशन भी दे सकता है।  छानबीन करने के बाद मैजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को प्रोटैक्टिव होम में रखने के लिए आदेश जारी कर सकता है।

swetha