तेंदुए जैसे जानवर को पकडऩे के लिए वन विभाग के पास नहीं है आधुनिक प्रशिक्षण व औजार

punjabkesari.in Wednesday, Dec 27, 2017 - 10:02 AM (IST)

तरनतारन (रमन): ब्यास दरिया के नजदीक पड़ते मंड एरिया के जंगल से रास्ता भटक कर सोमवार की सुबह जिला तरनतारन के गांव कंग के गुरुद्वारा साहिब के लंगर हाल में तेंदुए के घुसने से गांववासियों का पूरा दिन डर के साए में बीता। पटियाला से देर रात पहुंची वन विभाग की टीम ने भले ही तेंदुए को काबू कर लिया, परन्तु इस सारी स्थिति को देखते हुए लोगों द्वारा जिला प्रशासन व जिला वन विभाग की कार्यप्रणाली पर कई व्यंग्य किए जाते रहे। 

तेंदुए ने किया तीन लोगो को घायल 

गांव में पहुंचे तेंदुए ने 3 लोगों को हमला करते हुए घायल भी कर दिया। इनकी स्थिति काफी ठीक बताई जा रही है। इस संबंधी शहर के गण्यमान्य लोग हरि कृष्ण लाल अरोड़ा, अनिल कुमार शंभू, सुरजीत कुमार वढेरा, प्रिं जतिन्द्रपाल सिंह, रवि शर्मा, नवीन गुप्ता शैलर वाले, दीप कुमार गुप्ता शैलर वाले, प्रवीन कुमार, चरनजीत सिंह बावा आदि ने बताया कि इस तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग के पास नई तकनीक के औजार व सामान मौजूद न होने के कारण 3 लोगों को घायल होना पड़ा है।

वन विभाग के पास जो पिंजरा मौजूद था वह भी काफी पुराना व उस पर काफी जंग लगा हुआ था। विभाग के पास ना तो नई तकनीक के औजार थे और न ही तेंदुए जैसे खतरनाक जानवर को पकडऩे के लिए प्रशिक्षण। इस एक तेंदुए को पकडऩे के लिए बाहरी क्षेत्र से टीम बुलानी पड़ी। सरकार को चाहिए कि वन विभाग को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाए ताकि किसी को अपनी जान से हाथ न धोना पड़े। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह इस संबंध में सरकार को लिखित रूप से अवगत करवाए। 

जिला वन अधिकारी राजेश गुलाटी ने बताया कि विभाग के पास ऐसी स्थिति से निपटने का पहला मौका मिला है, जिसको पटियाला की टीम के साथ मिलकर सुलझा लिया गया है। उन्होंने बताया कि पटियाला से आई टीम को तेंदुए को बेहोश करने वाली दवाई की मात्रा देने का फैसला लिया जाना था ताकि तेंदुए को कोई क्षति न पहुंचे। उन्होंने बताया कि मिशन में देरी होने का एक कारण लोगों की भीड़ भी माना जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों में सर्दी अधिक होने के कारण जंगलों में घास आदि की कमी होने के कारण शाकाहारी जानवर कहीं दूर निकल जाते हैं, जिनकी कमी के कारण मासांहारी जानवर अपनी भूख मिटाने के लिए जंगलों से बाहर निकलना शुरू कर देते हैं। 

इसी प्रकार तेंदुआ भी अपने भोजन की तलाश में नजदीकी मंड एरिया से निकल कर गांव में आ घुसा होगा। उन्होंने अपील की कि ऐसी स्थिति में लोगों को जानवर के पास नहीं जाना चाहिए, न ही उससे कोई छेड़छाड़ करनी चाहिए। उन्होंने माना कि विभाग के पास कुछ औजार व सामान की कमी जरूर है, जिस संबंधी के उच्चाधिकारियों को समय-समय पर लिखा जाता है। 

Sonia Goswami