शिरोमणि कमेटी के पूर्व मुख्य सचिव ने खोले भेद, कैसे लूटा जाता है गुरुद्वारों का धन

punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2020 - 08:16 AM (IST)

जालंधर(नरेंद्र मोहन): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व मुख्य सचिव हरचरण सिंह ने चंडीगढ़ के प्रैस क्लब में यह भेद खोला है कि गुरुद्वारों के धन का किस तरह से दुरुपयोग होता आ रहा है। उन्होंने इस बारे में आज अपनी एक पुस्तक ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की वर्तमान स्थिति’ का विमोचन किया। पूर्व मुख्य सचिव ने अपनी पुस्तक में सीधे तौर पर बादल परिवार पर गुरुद्वारों की गोलकों का पैसा खाने का आरोप लगाया है। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य और बागी अकाली वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह समेत अन्य सिख बुद्धिजीवी उपस्थित थे। 

पुस्तक ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की वर्तमान स्थिति’ में उठाए प्रश्न 
 160 पन्नों वाली ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की वर्तमान स्थिति’ वाली पुस्तक पंजाबी में है जिसमें गुरुद्वारों में प्रबंधकों की नियुक्ति और कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न उठाए गए हैं। लंगर व्यवस्था व राशन खरीद प्रणाली भी गंभीर भ्रष्टाचार के घेरे में है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन गुरुद्वारों इत्यादि की इमारतों के निर्माण में किस प्रकार कथित तौर पर हेराफेरी की जाती रही है, उसका विवरण भी पुस्तक में है। अकाली दल और खास तौर पर बादल परिवार पर आरोप है कि जत्थेदार किस तरह से लगाए जाते हैं, किस प्रकार शिरोमणि कमेटी के कार्यों में सीधी-सीधी दखलअंदाजी बादल परिवार की होती रही है।  डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी देने की बात का जिक्र करते हुए लेखक ने कहा कि उन्होंने कुछ लोगों के सामने इस पर आपत्ति की थी और बड़ी आपत्ति यह थी कि माफी के बाद शिरोमणि कमेटी के फंड में से 91 लाख रुपए विज्ञापनों के रूप में स्पष्टीकरण के रूप में दे दिए, जबकि लोगों के रुपए-रुपए से यह फंड एकत्र किया जाता है।  

दोनों हाथों से लूट रहे सुखबीर : ढींडसा 
वरिष्ठ बागी अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने सुखबीर सिंह बादल के विरुद्ध जी भरकर अपने मन की भड़ास निकाली। उन्होंने बताया कि किस तरह से माथा टेकने से एकत्र हुई राशि को लूटा जा रहा है। सुल्तानपुर लोधी में श्री गुरु नानक देव जी के मनाए गए 550वें पर्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह बताया गया था कि शिरोमणि कमेटी के टैंट पर 12 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस टैंट में 8 एल.ई.डी. लगाई गई थीं जिनका किराया 25 लाख रुपए दिखाया गया था, जबकि नई प्रति एल.ई.डी. का मूल्य 1 लाख रुपए है। श्री हरिमंदिर साहिब को छोड़ अन्य सभी गुरुद्वारों को घाटे में दिखाया जा रहा है। ढींडसा ने कहा कि जब से अकाली दल की बागडोर सुखबीर सिंह बादल के हाथों में आई है, तब से सीधा-सीधा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि अकाली दल पर सुखबीर का कब्जा हो गया है। वह मनमानियां कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि एस.जी.पी.सी. में स्वच्छ प्रशासन हो और इस बात को भी पाबंद किया जाना जरूरी है कि जो लोग एस.जी.पी.सी. के सदस्य बनेंगे, उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। 


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