बहिबल कलां मामले में पूर्व SSP गिरफ्तार

punjabkesari.in Sunday, Jan 27, 2019 - 10:45 AM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहिबलकलां गोलीकांड मामले में मोगा के तत्कालीन एस.एस.पी. चरणजीत शर्मा को रविवार सुबह 4 बजे उनके सिविल लाइंस स्थित निवास स्थान से एस.आई.टी.टीम ने गिरफ्तार कर लिया। करीब 2 दर्जन से भी अधिक कमांडो के साथ पहुंची  टीम ने गिरफ्तारी प्रक्रिया को बड़े ही गुपचुप व सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया।  एस.आई.टी.को भनक लगी थी कि आरोपी पुलिस अधिकारी विदेश बागने की कोशिश में है। बार-बार सम्मन मिलने के बाद भी वह जांच में शामिल नहीं हो रहे थे।

क्या था मामला
गौरतलब है कि 12 अक्तूबर 2015 को फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में श्री गुरुग्रंथ साहिब के अंग फाड़कर बेअदबी की गई थी। इसी मामले में सिख संगठनों व संगत द्वारा कोटकपूरा व बरगाड़ी से सटे गांव बबिहल कलां में भी धरना दिया गया था। इसी  दौरान 14 अक्टूबर 2015 को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में गांव नियामीवाला के किशन भगवान सिंह व गांव सरांवा के गुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन बादल सरकार ने जस्टिस जोरा सिंह आयोग का गठन किया, लेकिन इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।

कांग्रेस सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जस्टिस रंजीत सिंह आयोग बनाया और रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। आयोग ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। पंजाब सरकार ने जांच सी.बी.आई. से वापस लेकर एस.आई.टी. से कराने का प्रस्ताव पास किया था। इसके खिलाफ मोगा के तत्कालीन एस.एस.पी. चरणजीत शर्मा, रिटायर्ड एस.एस.पी. मानसा रघुबीर सिंह, बाजाखाना थाने के तत्कालीन एस.एच.ओ. अमरजीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंजाब सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी।


क्या है हाईकोर्ट के निर्देश 
शुक्रवार को हाईकोर्ट ने एस.आइ.टी.को बिना किसी अंदरूनी या बाहरी दबाव के अपनी जांच को आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए आयोगों की रिपोर्टों के प्रभाव से हटकर जांच करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस गुप्ता ने जांच पर अदालत की निगरानी की पंजाब सरकार की पेशकश को भी अस्वीकार कर कहा कि यदि पहले सही जांच होती तो आयोग न बनाना पड़ता।
 
 

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