परिवार पर कुदरत का कहर, मंदबुद्धि बच्ची के सिर से उठा मां-बाप का साया

punjabkesari.in Saturday, Mar 07, 2020 - 11:43 AM (IST)

 अमृतसर (रमन): बारिश भगतांवाला पिंड मूलेचक भाई वीर सिंह कालोनी में वीरवार देर रात एक परिवार पर कहर बनकर बरसी, जिसमें 6 वर्षीय नैना अनाथ हो गई, जो बोल नहीं पाती व पड़ोसियों के अनुसार मंदबुद्धि है और अब उसके सिर से माता-पिता का साया उठ गया। रात को अजय कुमार अपनी पत्नी मानवी, 6 वर्षीय बेटी नैना एवं जुड़वां 6 माह के बच्चों युगराज एवं मन्नत के साथ सो रहे थे कि अचानक बारिश में घर की कच्ची छत गिर गई, जिसके नीचे सभी की दबकर मौत हो गई और नैना गंभीर घायल हो गई। शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद अंतिम संस्कार करवाया गया।

सारे इलाके के लोगों ने नम आंखों से मरने वालों को विदाई दी। इस दौरान विधायक इंद्रवीर बुलारिया एवं पार्षद विकास सोनी भी पहुंचे और परिवार से संवेदना जताई। सोनी ने कहा कि मंत्री ओ.पी. सोनी ने परिवार को पांच लाख रुपए देने का ऐलान किया है। इस मौके पर एग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट अर्चना शर्मा, ए.डी.सी.पी. हरजीत धालीवाल, पार्षद रीना चोपड़ा, परमजीत चोपड़ा, ए.सी.पी. सैंट्रल सुखजिंदर सिंह, थाना इंचार्ज सुखबीर सिंह, ए.टी.पी. संजीव देवगन आदि मौजूद थे। पड़ोसी शमशेर सिंह, कारज सिंह, सन्नी ने बताया कि वे रात 2 बजे घर पर सो रहे थे कि अचानक कुछ गिरने की आवाज आई। बाहर निकलकर देखा तो अजय के घर से धूल उठ रही थी व छत गिर चुकी थी।

वे फौरन दीवार फांद वहां गए व गेट खोला तो सभी इलाका निवासी इकट्ठे हो गए, फिर चारों शवों एवं घायल बच्ची को निकाल कर 108 एम्बुलैंस से अस्पताल भेजा। अजय व उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चों की मौके पर मौत हो गई थी। घायल नैना को उपचार के बाद उसके मामा विक्रम अपने घर ले गए, जो काफी डरी हुई थी। लोगों ने बताया कि वहां पहले अजय के साथ माता-पिता भी रहते थे पर दो साल से अलग-अलग रह रहे हैं। कुछ माह पहले छत से पानी टपकने लगा तो अजय ने मिट्टी डाल दी थी, जिससे उसका वजन बढ़ गया और आज बारिश में गिर गई और उसके नीचे लगा लोहे का गार्डर भी उनके ऊपर गिरा। अगर थोड़ी देर हो जाती तो बच्ची को भी नुक्सान हो सकता था। मतृक के पिता आशोक कुमार ने बताया कि वे दो साल से अलग रह रहे हैं। 

तीन मंजिल बनाने का था सपना 
दोस्त हरजीत सिंह ने बताया कि वह रात को ही उन्हें इनर्वटर के तीन हजार रुपए देकर गया था जोकि पिछले समय उसने लगवाया था। उसने बताया कि अजय एक मेहनती व्यक्ति था और सपने बड़े थे। वह शहर में सब्जी बेचने का काम करता था और खुशमिजाज था। रात कह रहा था पाजी मैं लोन ले रहा हूं, उससे तीन मंजिल मकान भी बनेगा व गाड़ी भी ले लूंगा। सुबह हादसे का पता चला तो पैरों तले जमीन निकल गई। 

सारे इलाके में छा गया मातम
छत के नीच परिवार की मौत की खबर सारे इलाके में जैसे ही फैली, सभी तरफ मातम छा गया। 6 माह पहले इस घर में जुड़वां बच्चों के आने पर लड्डू बांटे गए थे और आत उनके शव देखकर आंखें नम हो गई। इलाके के लोगों ने नम आंखों से कहा कि यह घटना उन्हें कभी नहीं भूलेगी। 
 

प्रधानमंत्री आवास योजना का भी नहीं लिया फायदा
अजय ने पिछले सालों से चलती आ रही प्रधान मंत्री आवास योजना का फायदा नहीं लिया। हालांकि नगर निगम द्वारा पिछले माह भी 150 के लगभग गरीब लोगों को फायदा दिया था। निगम में आवास योजना को लेकर दस्तावेज पिछले समय में जमा करवाए थे व उसके तहत सर्वे भी हुआ था जिसमें कई लोगों को ग्रांट मिली थी, लेकिन अजय को या तो स्कीम का पता नहीं था या किसी ने उसे जानकारी नहीं दी। अगर उसने स्कीम का लाभ उठाया होता तो शायद पक्की छत होती और किसी की जान नहीं जाती।  


बच्ची को दिलाएंगे मुआवजा : पार्षद
इलाका पार्षद चोपड़ा ने कहा की बहुत ही दुखदायी घटना है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो भी मुआवजा मिलेगा वह बच्ची को दिलवाया जाएगा। 

शहर में हैं दर्जनों जर्जर इमारतें 
शहर में ऐसी दर्जनों इमारतों में लोग रह रहे हैं जो जर्जर हो चुकी हैं। पिछले वर्ष में भी एक बुजुर्ग की बारिश के चलते बिल्डिंग गिरने से मौत हो गई थी, जिसके बाद शहर में हाई अलर्ट जारी कर जर्जर इमारतों से लोगों को बाहर निकाला गया था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। कुछ दिन बाद लोग इन्हीं इमारतों में रहने लगे। आज भी कई लोग जर्जर इमारतों में रह रहे हंै, लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। हर बार किसी हादसे के बाद एम.टी.पी. विभाग सर्वे करने लगता है फिर चुप्प बैठ जाता है और लोगों की जान इन जर्जर इमारतों में जाती रहती है। हालांकि सरकार द्वारा लोगों को कई स्कीमें दी जा रही हैं जो जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं।  

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