डॉलरों की चमक पर जीवन अंधेरे में

punjabkesari.in Sunday, Jun 23, 2019 - 10:55 AM (IST)

भोगपुर/बटाला/कलानौर(सूरी, बेरी, मनमोहन): बेरोजगार नौजवानों को डॉलरों की चमक दिखाकर ट्रैवल एजैंट उनकी जिंदगी अंधेरे में धकेल रहे हैं। इसकी उदाहरण बने हैं पंजाब के 47 नौजवान जो इन दिनों कंबोडिया के होटलों में बंधुआ मजदूर बनकर रह गए हैं। होटल मालिक काम के बदले सिर्फ रोटी दे रहे हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद पंजाब केसरी इन युवकों के परिजनों के घर तक पहुंची। कंबोडिया में फंसे इन युवकों में 3 अमृतसर के, 1 बटाला के गांव वसीका टिल्ला का नौजवान और एक युवक जिला जालंधर के ब्लॉक भोगपुर के गांव सगरांवाली का रहने वाला है। कुछ युवक फगवाड़ा के भी बताए जा रहे हैं। हमारे संवाददाता ने जब कंबोडिया में एक युवक साजनप्रीत सिंह से बात की तो उसने फोन पर बताया कि यहां किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दूसरी तरफ विदेश में फंसे युवकों के अभिभावक जब एजैंटों से अपने लाल वापस लाने की गुहार लगाते हैं तो वह वापस लाने के भी पैसे मांग रहे हैं।

टीचर की नौकरी नहीं मिली तो विदेश जाने का किया फैसला
गांव सगरांवाली का मनजिंदरपाल सिंह ई.टी.टी. पास है। टीचर बनना चाहता था लेकिन नौकरी नहीं मिली तो उसने विदेश जाने का फैसला किया। मनजिंदरपाल की माता कश्मीर कौर गांव में करियाना की दुकान चलाती हैं और पिता सखदेव सिंह जालंधर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। कश्मीर कौर के एक रिश्तेदार ने जालंधर में एक आदमी से मिलवाया। उक्त आदमी ने खुद को कंबोडिया में एक होटल का मालिक बताया। उसने कहा कि कंबोडिया अमरीका के नजदीक एक यूरोपियन देश है। साढ़े 3 लाख में वर्क परमिट मिलेगा और 650 अमरीकी डॉलर सैलरी मिलेगी। उक्त व्यक्ति साढ़े 3 लाख रुपए लेकर मनजिंदरपाल को अक्तूबर 2018 में टूरिस्ट वीजा पर कंबोडिया ले गया। 2 माह तक होटल मालिक ने 450 डॉलर के हिसाब से वेतन दिया। तीसरे माह 250 डॉलर वेतन दिया। इसके बाद वह भी बंद। मनजिंदरपाल के परिवार ने सरकार से उनके बेटे को वापस लाने की गुहार लगाई है।

न पैसे पास, न घर आने के लिए टिकट, कहीं कोई सुनवाई नहीं

बटाला के गांव वसीका टिल्ला का 20 वर्षीय युवक साजनप्रीत सिंह पैसे कमाने के लिए कंबोडिया गया जहां न तो उसे पैसे मिले व न ही वह वहां से वापस अपने गांव आ सका। साजनप्रीत सिंह की माता मनजीत कौर ने अपने बड़े बेटे सुखवंत सिंह व बहू के साथ बताया कि उसका बेटा साजनप्रीत सिंह फरवरी 2019 में गिल्लांवाली व जालंधर के एक एजैंट के जरिए कंबोडिया गया था जहां उसे 500 डॉलर प्रति महीना वेतन व होटल में काम करना बताया गया था ।  इस काम के लिए उन्होंने साजनप्रीत सिंह से अढ़ाई लाख रुपए लिए। उनका बेटा कंबोडिया तो पहुंच गया परन्तु होटल मालिक उन्हें केवल खाना ही दे रहा है जबकि पिछले 3 माह का वेतन उसने लड़कों को नहीं दिया। यहां तक कि उनके पास वापस आने के लिए न पैसा है और न ही टिकट।  जब साजनप्रीत सिंह से कंबोडिया में बात की गई तो उसने कहा कि उसके सहित 4 और लड़कों ने एंबैसी में उक्त होटल मालिकों के विरुद्ध शिकायत की थी परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके साथ 4 और लड़के अमरजीत सिंह, अजमेर सिंह, रणजीत सिंह व राजजोत सिंह भी वहां पर फंसे हुए हैं। उसने केन्द्र सरकार से उन्हें जल्द हिन्दुस्तान वापस लाने के लिए कदम उठाए।

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