जाली हस्ताक्षर कर निकलवाई थी पंचायत सैक्रेटरी की सैलरी, विजीलैंस ने शुरू की  जांच

punjabkesari.in Sunday, Nov 11, 2018 - 08:18 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): मक्खू ब्लाक में पंचायत विभाग में एक अजीबो-गरीब ठगी देखने को मिली है। ब्लॉक के एक अधिकारी ने पंचायत सैक्रेटरी बलजीत कौर की 9 माह की सैलरी 3.25 लाख रुपए 10 जुलाई, 2018 को एच.डी.एफ.सी. बैंक ब्रांच मक्खू के चैक पर जाली हस्ताक्षर कर निकलवा ली। महिला पंचायत सैक्रेटरी ने मामला सामने आने पर इसकी शिकायत विभाग के डायरैक्टर व विजीलैंस को दी थी। इसके बाद विजीलैंस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। विजीलैंस के डर से उक्त अधिकारी अब चुपचाप तरीके से पैसे जमा करवाने का जुगाड़ लगा रहा है ताकि किसी तरह के आपराधिक केस से बचा जा सके। 

पंचायत सैक्रेटरी बलजीत कौर का कहना है कि 25 अगस्त, 2017 को उसने मक्खू पंचायत समिति में बतौर पंचायत सैक्रेटरी ज्वाइन किया था। इसके बाद उसका कादियां तबादला कर दिया गया और 21 मई 2018 को वह वहां से रिलीव हो गई। वह बार-बार सुपरिंटैंडैंट परमिंद्र सिंह (अतिरिक्त ई.ओ. चार्ज) व पंचायत अधिकारी तीर्थ सिंह (अतिरिक्त अकाऊंटैंट चार्ज) से अपनी सैलरी के लिए गुहार लगाती रही। ई.ओ. मक्खू ने 20 सितम्बर, 2018 के पत्र जो कि बलजीत कौर को 2 अक्तूबर 2018 को मिला, में बताया कि चैक के माध्यम से 10 जुलाई, 2018 को 3.25 लाख रुपए उसे बतौर सैलरी जारी कर दिए गए थे। उसने बी.डी.पी.ओ. से एच.डी.एफ.सी. बैंक की डिटेल मांगी तो उसे चैक की फोटो कापी दिखाई गई जिसे देखने पर पता चला कि बलजीत कौर के नाम पर 10 जुलाई 2018 को पेमैंट निकलवाई गई है।

 बलजीत कौर का कहना है कि ई.ओ. परमिंद्र सिंह और तीर्थ सिंह ने उसके जाली हस्ताक्षर कर पेमैंट निकलवाई है। एच.डी.एफ.सी. बैंक मक्खू के मैनेजर गौरव का कहना है कि 10 जुलाई, 2018 को चैक से ई.ओ.पी.एस. अकाऊंट से 3.25 लाख रुपए की राशि तत्कालीन डी.डी.ओ. पावर के तहत बी.डी.ओ. के हस्ताक्षर सहित व चैक के पीछे बलजीत कौर के हस्ताक्षर की बी.डी.ओ. की तस्दीक द्वारा निकलवाई गई थी। 

यह ई.ओ.पी.एस. अकाऊंट विभाग का है जिसमें जिस भी अधिकारी के पास डी.डी.ओ. पावर है, वह किसी भी मुलाजिम या अन्य के नाम को तसदीक कर इस अकाऊंट से पैसा निकलवा सकता है। डी.डी.पी.ओ. फिरोजपुर का कहना है कि डायरैक्टर ने बी.डी.ओ. को चंडीगढ़ तलब किया था। मामले की जांच जारी है। ऑडिट के बाद ही पूरा मामला साफ होगा, मगर इसी बीच शिकायत मिलने के बाद विजीलैंस विभाग भी हरकत में आ गया है जिसके बाद आरोपी पैसा वापस जमा करवाने का कोई न कोई जुगाड़ लगा रहे हैं। 

दफ्तर की सेफ में रखा गया है पैसा: परमिंद्र सिंह
सुपरिंटैंडैंट परमिंद्र सिंह का कहना है कि कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है। पैसा निकलवा कर दफ्तर की सेफ में रखा गया था। बलजीत कौर काफी समय से सैलरी लेने नहीं आई थी। जब सैलरी आई तब उसकी बदली हो चुकी थी। कई फोन किए मगर बलजीत कौर सैलरी लेने नहीं आई तो पैसा निकलवा कर सेफ में रख दिया गया था। काफी समय तक बलजीत कौर के न आने पर वह पैसा फिर से बैंक में जमा करवा दिया। उन पर बलजीत कौर जो आरोप लगा रही है, वे झूठे हैं और यह आरोप वह निजी कारणों से लगा रही है। 

सरपंचों के मान भत्ते में भी हुआ घोटाला
अभी बलजीत कौर की सैलरी निकालने का मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि ग्राम पंचायत के सरपंचों को मान भत्ते के लिए काटे गए 12 चैक जिनकी रकम 24-24 हजार थी, पर भी जाली हस्ताक्षर कर निकालने का मामला सामने आया है। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक मक्खू ब्रांच में 2.88 लाख 12 जनवरी 2018, 23 जनवरी 2018 को निकलवा लिए गए। इसके अलावा 12 जनवरी, 2018 को 4.14 लाख व 19 जनवरी 2018 को 2.09 लाख समेत कुल 18.02 लाख रुपए गबन का मामला सामने आया है। सरपंचों को जब मान भत्ते के बारे पूछा गया तो उनका कहना है कि अभी तक उन्हें नहीं मिला है। इस गबन के बारे जब बी.डी.पी.ओ. करणबीर सिंह को पता लगा तो तुरंत डायरैक्टर ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग तथा वित्त कमीशन के ध्यान में लाया गया। विभाग ने पूरे मामले का रिकार्ड अपने पास तलब कर लिया है। 

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