गडकरी की रैली रद्द होने से कार्यकत्र्ताओं का हौसला टूटा

punjabkesari.in Tuesday, May 15, 2018 - 10:00 AM (IST)

बठिंडा(विजय): केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की रैली को लेकर अकाली-भाजपा व कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ लगी रही, लेकिन रैली रद्द होने से कार्यकत्र्ताओं के हौसले धराशायी हो गए। सोमवार को गडकरी की रैली को लेकर तैयारियां जोरों पर थीं लेकिन रविवार रात को अचानक 10 बजे संदेश मिला कि गडकरी की रैली मौसम खराब होने कारण रद्द की जा रही है। पिछले 4 दिनों से रैली स्थल पर तैयारियां जोरों से चल रही थीं जिस पर लाखों रुपए खर्च भी हो चुके थे।

पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय मार्ग-7 अमृतसर-बठिंडा सिक्स लेन व राष्ट्रीय मार्ग-54 बङ्क्षठडा-जीरकपुर फोरलेन का उद्घाटन करने आ रहे नितिन गडकरी के कार्यक्रम को राज्य स्तरीय समारोह बनाया जिसके लिए सरकारी अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई गईं। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की प्रबंध पर ड्यूटी लगाई और अधिक से अधिक जनता को इकट्ठा करने के लिए भी कहा था जिसे लेकर 3 दिन लगातार इस पर कसरत करते रहे। थर्मल प्लांट कालोनी के ग्राऊंड में एक बड़ी रैली आयोजित की जानी थी जिस के लिए टैंट, कुर्सियां आदि का काम जोर-शोर से चल रहा था जोकि फाइनल हो चुका था परन्तु रैली रद्द होने पर रात को ही टैंट उखाडऩे शुरू कर दिए गए। गडकरी के लिए दोपहर का भोजन भी एक निजी होटल में रखा गया था वहां पर भी पूरा ताम-झाम किया गया था और उस पर भी लाखों रुपए का बजट बना था। रैली रद्द होने से निजी होटल को भी पैसे देने पड़ेंगे और टैंट, कुर्सियों, साऊंड का खर्चा तो लगना ही था। इस प्रोग्राम के निमंत्रण कार्ड भी बांटे जा चुके थे।

कांग्रेस ने झपटा गडकरी का प्रोग्राम
सुखबीर बादल नितिन के नाम पर बठिंडा में बड़ी रैली न करे, इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने शतरंज की चाल चलते हुए गडकरी के उद्घाटन समारोह को सरकारी कार्यक्रम में बदल दिया। कैप्टन नहीं चाहते थे कि अकाली दल कोई बड़ी रैली करे क्योंकि लोक सभा के चुनाव नजदीक हैं जिसके लिए सरगर्मियां भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। 6082.7 करोड़ रुपए की लागत से बठिंडा से चंडीगढ़ व अमृतसर के लिए सड़कों का जाल फैलाया गया। बेशक यह योजना पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के समय बनी थी लेकिन केंद्र से कांग्रेस के सत्ताच्युत होते ही यह परियोजना केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार की झोली में आ गिरी। दोनों पार्टियां इस परियोजना का श्रेय लेने के लिए जोर लगा रही थीं लेकिन पहल तो सत्ताधारी पार्टी की होती है और वही हुआ। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह इन सड़कों के उद्घाटन के लिए राहुल गांधी को आमंत्रित करना चाहते थे लेकिन कर्नाटक चुनाव के चलते उन्होंने समय देने से इंकार कर दिया जबकि अकाली-भाजपा को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने केंद्र से ही इसका उद्घाटन करने के लिए नितिन गडकरी को आमंत्रित कर दिया। दो बार समय देने के बावजूद नितिन गडकरी नहीं पहुंचे, इसके पीछे सियासी गलियारों में भी यह चर्चा जोरों पर है कि मौसम तो एक बहाना था इसके पीछे रहस्य कुछ और है।

भाजपा ने गडकरी की रैली को लोक सभा चुनावों का आगाज माना
राजनीतिक पंडितों के अनुसार केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान भी रह चुके हैं। उन्होंने बङ्क्षठडा रैली के माध्यम से मालवा ही नहीं बल्कि पंजाब में 2019 के लोकसभा चुनावों का आगाज करना था। रैली दौरान वह मोदी के विकास कार्यों का बखान करने से भी नहीं चूकना चाहते थे। बेशक कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नितिन गडकरी के कार्यक्रम को तारपीडो कर इसे अपनी झोली में डाल लिया लेकिन अकाली दल भी कम नहीं। उसने भी बड़ी रैली कृष्णा ड्रीम लैंड में रख दी और अकाली-भाजपा ने सभी नेताओं की ड्यूटी लगाई की वह अधिक से अधिक लोगों को इकट्ठा कर रैली में शामिल करे। ऐसे में यह रैली दोनों दलों के शक्ति परीक्षण का अखाड़ा बन गई थी। नितिन गडकरी का प्रोग्राम तो मौसम के कारण रद्द समझा जा रहा है लेकिन इसके कारण कुछ और ही हैं क्योंकि सोमवार को तो दिल्ली से उड़ानें भी भरी गईं। कांग्रेस ने अपनी रैली रद्द कर दी जबकि अकाली दल ने इसे जारी रखा ओर रैली की। माना जा रहा है कि लोक सभा चुनावों से पहले ऐसी ही रैली को लेकर महादंगल होने वाला है और गडकरी कुछ समय बाद जरूर आएंगे। 

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