पुलिस से बचने के लिए कटवाए थे केश,मां ने कहा बेटा करना चाहता था आत्मसर्म्पण

punjabkesari.in Tuesday, Jul 10, 2018 - 10:32 AM (IST)

रूपनगर(विजय): पुलिस के लिए सिरदर्दी बन चुके कुख्यात गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आखिरकार चैन की सांस ली है। दिलप्रीत बाबा 2011 में हुए एक लड़ाई-झगड़े के बाद हाई लाइट हुआ तथा उसके बाद एक-एक करके ऐसी बड़ी वारदातों को अंजाम देकर वह पुलिस रिकार्ड में ए-कैटेगरी का गैंगस्टर बन गया। गौरतलब है कि दिलप्रीत की नूरपुरबेदी क्षेत्र से कई लोगों से पुरानी दुश्मनी चली आ रही है, जिसे लेकर उसने कुछ समय पहले सरपंच देसराज का कत्ल भी कर दिया था। इसके अलावा बाबा की कई लोगों से इतनी गहरी दुश्मनी हो गई थी कि पुलिस को उन लोगों को सुरक्षा मुहैया करवानी पड़ी। समय-समय पर पुलिस बाबा की गतिविधियों पर नजर रखती रही पर कभी भी उसतक नहीं पहुंच पाई। 

कत्ल, इरादा कत्ल, अपहरण, लूट जैसी 2 दर्जन से अधिक वारदातों को दिया था अंजाम
2 साल पहले जिला नवांशहर में पड़ते प्रीत ढाबा से फिल्मी अंदाज में भागा दिलप्रीत अब जाकर कहीं पुलिस के हत्थे चढ़ा है। उक्त ढाबे से भागने के बाद दिलप्रीत बाबा ने पंजाब समेत चंडीगढ़ व अन्य कई राज्यों में कत्ल जैसी कई बड़ी वारदातें कीं और उस पर कत्ल, इरादा कत्ल, अपहरण, लूट तथा एन.डी.पी.सी. एक्ट के दो दर्जन से भी अधिक मामले दर्ज हैं।  बाबा से परेशान जिला पुलिस ने कई क्षेत्रों में पक्के तौर पर नाकाबंदी भी की और इसके अलावा पुलिस का खुफिया विभाग भी बाबा का पता लगाने में जी-तोड़ मेहनत करता रहा लेकिन बाबा के बारे में ये सारे मिलकर भी कोई जानकारी एकत्रित नहीं कर पाए। इसका मुख्य कारण था कि बाबा मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करता था और गुपचुप तरीके से किसी बड़ी वारदात करने के बाद वह सरेआम बच निकल जाता था। 

अजविन्द्र सिंह तथा पिंदरी को मारने की फिराक में था ‘बाबा’
बाबा की दहशत के कारण पुलिस ने गांव बेईहारा निवासी अजविन्द्र सिंह तथा पिंदरी को भी सुरक्षा दे रखी थी। अजविन्द्र व पिंदरी दिलप्रीत बाबा के पुराने दुश्मन हैं तथा वह इनको मारने की फिराक में था। इसके अलावा भी पुलिस द्वारा दिलप्रीत के निशाने पर रहे कई लोगों को सुरक्षा दी गई पर पुलिस ने इस सुरक्षा के बारे में कभी किसी को नहीं बताया। पिछले दिनों दिलप्रीत बाबा द्वारा जिले के एक व्यापारी से फिरौती मांगने की घटना भी सामने आई, जिसके बाद पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए कुछ लोगों को राऊंडअप भी किया। इसके बाद भी पुलिस दिलप्रीत तक नहीं पहुंच पाई।
 
भले ही पुलिस का उस तक पहुंचना असंभव ही लग रहा था पर दिलप्रीत के लिए भी अपने घर आना एक बड़ी चुनौती बन गया था। पुलिस के साथ चले इस लुका-छिपी के खेल में दिलप्रीत अपने पिता की मौत के उपरांत उन्हें मुखाग्नि भी नहीं दे पाया था। वह गुरसिख परिवार से संबंध रखता है तथा जब 2011 से वह गलत रास्ते पर गया तो भी जब-जब उसकी जानकारी सामने आती रही तो उसका गुरसिखी वाला चेहरा सामने आता रहा। दिलप्रीत ने पुलिस से छुपने के लिए अपने केश कटवा लिए पर पुलिस को इसकी सूचना मिल गई थी, जिसे पुलिस ने उसके बदले हुए वेश में भी धर लिया। 

दिलप्रीत करना चाहता था आत्मसमर्पण  : मां सुरेन्द्र कौर
 पिछले लंबे समय से पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बने गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह उर्फ बाबा की गिरफ्तारी के बाद उसकी माता सुरेन्द्र कौर तथा बहन रमनप्रीत कौर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दिलप्रीत आत्मसमर्पण करना चाहता था। पुलिस ने उसका झूठा मुकाबला बना दिया। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कई बार मीडिया के माध्यम से दिलप्रीत को आत्मसमर्पण करने की अपील की थी, जिसका उस पर काफी असर हुआ था । वह सरैंडर करना चाहता था। दिलप्रीत की माता व बहन ने प्रदेश सरकार व पुलिस के उच्चाधिकारियों से मांग की कि दिलप्रीत पर नाजायज केस न बनाए जाएं। पूरे मामले की जांच करके जो सच्चाई है, उसी के तहत सजा दी जाए। 

गांव के सरपंच तथा पिंदरी के कारण बना गैंगस्टर 
 दिलप्रीत के गैंगस्टर बनने के पीछे उसके गांव ढाहां के सरपंच तथा पिंदरी नामक नौजवान का पूरा रोल था। वे उसे रोजाना तंग-परेशान करते थे जिसके कारण उसने यह रास्ता अपनाया। पिंदरी ने दिलप्रीत को घेर कर काफी मारपीट की। पुलिस के पास शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने श्री आनंदपुर साहिब से सेवानिवृत्त हो चुके डी.एस.पी. संत सिंह धालीवाल पर भी आरोप लगाए कि दिलप्रीत की उन्होंने ने भी कोई सुनवाई नहीं की। यदि उस समय पुलिस ने उनकी फरियाद सुनी होती तो दिलप्रीत आज गैंगस्टर न होता। दिलप्रीत की माता तथा बहन ने सरकार व प्रशासन से मांग की कि उन्हें दिलप्रीत के साथ मिलने दिया जाए। 

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