गैंगस्टर्स के फेसबुक पेज पुलिस के लिए बने सिर दर्द

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 12:35 PM (IST)

जालंधर(स.ह.): कमिश्नरेट पुलिस जालंधर का साइबर क्राइम सैल अब तक एक भी गैंगस्टर का फेसबुक अकाऊंट या पेज बंद नहीं कर पाया है। सैल के पास यह जानकारी भी नहीं है कि गैंगस्टर खुद पेज या अकाऊंट अपडेट कर रहे हैं या फिर उनके समर्थक चला रहे हैं। साइबर क्राइम सैल को खुले 7 माह से ज्यादा का समय हो चुका है। फेसबुक पर जालंधर व आसपास के इलाकों में रहने वाले गैंगस्टरों के 100 के करीब फेसबुक पेज हैं। इनमें से कुछ गैंगस्टर मारे जा चुके हैं लेकिन फिर भी उनके फेसबुक अकाऊंट व पेज चल रहे हैं। फेसबुक पर सबसे ज्यादा अकाऊंट्स व पेज गैंगस्टर सुक्खा काहलवांविक्की गौंडर के हैं। जो गैंगस्टर जेल में बंद हैं, उनके  पेज व अकाऊंट भी अपडेट हो रहे हैं। जेल के अंदर खींची गई फोटो फेसबुक पर डाली जा रही है। 

सोशल मीडिया के जरिए नाबालिग जुड़ रहे है गैंगस्टरों से

साइबर क्राइम सैल की इंचार्ज सब-इंस्पैक्टर मोनिका से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है जिसके आधार पर फेसबुक को पेज बंद करने के लिए लिखा जा सके। यह भी मालूम नहीं है कि पेज व अकाऊंट्स खुद गैंगस्टर अपडेट कर रहे हैं या फिर उनके समर्थक चला रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर नाबालिग ही फेसबुक के जरिए गैंगस्टरों से जुड़ रहे हैं। हाल में ही जालंधर रूरल पुलिस के सी.आई.ए. स्टाफ-2 ने ऐसे युवकों को हथियारों सहित गिरफ्तार किया था, जो फेसबुक से गैंगस्टर सुक्खा काहलवां के फैन हुए थे। 

व्हाट्स एप हैक करने वालों का नहीं लग रहा पता

साइबर क्राइम सैल के पास करीब 12 केस व्हाट्स एप हैक करने के हैं। हालांकि हैक करने वालों को तो साइबर क्राइम सैल ट्रेस नहीं कर पाया, लेकिन सभी केसों में साइबर क्राइम सैल की टीम ने हैक किए सभी नंबर री-गेन जरूर करवा दिए थे।

व्हाट्स एप कॉलिंग को 15 दिन में ट्रेस कर सकेगा साइबर क्राइम सैल

जालंधर पुलिस का साइबर क्राइम सैल मात्र 15 दिनों के अंदर व्हाट्स एप कॉलिंग को ट्रेस करने में सक्षम बन चुका है। इससे पहले व्हाट्स एप कॉलिंग को ट्रेस करना नामुमकिन था। अब व्हाट्स एप के बाद जल्द ही टैलीग्राम एप भी यह सुविधा मुहैया करवा सकता है। ओ.टी.पी. शेयर कर मोबाइल नंबर बंद करने के बावजूद व्हाट्स एप कॉलिंग को काफी आसानी से इस्तेमाल किया जा रहा था। फिलहाल जालंधर पुलिस के साइबर सैल के पास व्हाट्स एप कॉलिंग को ट्रेस करने के लिए कोई केस नहीं आया है, लेकिन अगर केस आया तो 15 दिनों के अंदर सारी डिटेल निकलवाई जा सकेगी।  

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