गारमैंट एक्सपोर्ट में 40.75 प्रतिशत की भारी गिरावट ने निर्यातकों के उड़ाए होश

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 03:31 PM (IST)

लुधियाना(बहल): भारत सरकार द्वारा रैडीमेड गारमैंट इंडस्ट्री के निर्यात पर ड्यूटी ड्रा बैक 7.7 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने के परिणामस्वरूप अक्तूबर माह में ही गारमैंट निर्यात में 40.75 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज होने से निटवियर इंडस्ट्री सकते में आ गई है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर 2016 में रैडीमेड गारमैंट के 9110.75 करोड़ के निर्यात के मुकाबले अक्तूबर 2017 में निर्यात 40.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ मात्र 5398.08 करोड़ रह गया है, जो इस बात का प्रत्यक्ष साक्षी है कि ड्रा बैक में कटौती के फैसले के पहले महीने ही गारमैंट निर्यात औंधे मुंह गिर गया है।

देश में कृषि क्षेत्र के बाद टैक्सटाइल इंडस्ट्री भारत के 12.1 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा सैक्टर है। देश में करीब 12 हजार गारमैंट एक्सपोर्ट यूनिट हैं, जिनके कुल निर्यात का करीब 25 प्रतिशत योगदान औद्योगिक शहर लुधियाना के मात्र 400 एक्सपोर्ट यूनिटों का है। निटवियर एंड अपैरल एक्सपोर्ट संघ के प्रधान हरीश दुआ का कहना है कि जहां भारत सरकार ने गारमैंट एक्सपोर्ट पर 5.7 प्रतिशत ड्यूटी ड्रा बैक की कटौती के साथ आर.ओ.एस.एल. में भी 2.5 प्रतिशत की कमी कर भारतीय निर्यातकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया है। चीन, बंगलादेश, श्रीलंका, वियतनाम, कम्बोडिया जैसे देशों से पिछडऩे के कारण भारत के टॉप-10 निर्यातकों की लिस्ट से बाहर होने का खतरा पैदा हो गया है, वहीं पाकिस्तान ने मोदी सरकार के निर्यातकों के प्रति नकारात्मक रवैए के मद्देनजर एक बड़ा दाव खेलते हुए गारमैंट एक्सपोर्टर को 50 प्रतिशत ड्यूटी ड्रा बैक देने की घोषणा करके भारत के लिए एक बड़ी सिरदर्द पैदा कर दी है। 

एक्सपोर्ट में गिरावट से गारमैंट वर्करों की छंटनी शुरू  
सरकार के फैसले के बाद गारमैंट एक्सपोर्ट में भारी गिरावट से घबराए निर्यातकों ने फैक्टरियों से 50 से 60 प्रतिशत तक लेबर की छंटनी करनी शुरू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में औद्योगिक शहर लुधियाना के करीब 1 लाख वर्करों के बेरोजगार होने का अंदेशा है। इसके अलावा गारमैंट निर्यातकों ने अपनी प्रोडक्शन में भी करीब 60 से 70 प्रतिशत की कमी कर दी है। 

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