किस्मत: तीन चुनाव हारे, अब लगातार दूसरी बार प्रधान बने लोंगोवाल

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 07:29 PM (IST)

जालंधर (गुरमिंदर सिंह): लगातार दूसरी बार शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बने भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल इससे पहले तीन बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। संत हरचन सिंह लोंगोवाल के साथ सियासी जीवन की शुरूआत करने वाले गोबिंद सिंह साल 2000 के दौरान बादल सरकार में राज्य के सिंचाई मंत्री भी रह चुके हैं। प्राइवेट तौर पर ग्रैजुएशन कर चुके गोबिंद सिंह साल 1987 में मार्कफैड पंजाब के चेयरमैन और साल 2009 में संगरूर के जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं। 



लोंगोवाल साल 1985, 1997 और 2002 में धनोला पर जीत प्राप्त करके विधायक रह चुके हैं। इसके बाद लोंगोवाल 2007 और 2012 में लगातार दो बार चुनाव हार गए। इस दरमियान 2015 में संगरूर में उपचुनाव हुए। यहां फिर अकाली दल ने लोंगोवाल पर किस्मत अजमाई और इस चुनाव में लोंगोवाल ने फतेह हासिल की।



2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अकाली दल ने इस बार भाई लोंगोवाल को सुनाम हल्का और चुनाव मैदान पर उतारा। राज्य में हुई बेअदबियों का सेक भाई लोंगोवाल तक भी पहुंचा और वह चुनाव हार गए। इस सीट पर आम आदमी पार्टी अमन अरोड़ा 30182 वोटों के बड़े फासले से जीते जबकि लोंगोवाल 42411 वोटें हासिल करके दूसरे स्थान पर रहे। 



सुखबीर के खास हैं लोंगोवाल
लगातार दूसरी बार एस.जी.पी.सी के प्रधान बने भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल को सुखबीर बादल का खास माना जाता है। 2011 से लगातार एस.जी.पी.सी के मैंबर बने लोंगोवाल को पहली बार 2017 में एस.जी.पी.सी की प्रधानगी मिली थी। किसी विवाद में ना पड़ना, पाक-साफ अक्स और कोई विवादित बयान ना देना भी गोबिंद सिंह लोंगोवाल को प्रधानगी के रूप में देखा जा रहा है।

Mohit