भगवान ऐसी औलाद किसी को ना दे, आंखों में आंसू भर बीमार बुजुर्ग ने सुनाई दर्द भरी कहानी...

punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 01:35 PM (IST)

माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): माता-पिता अपने बच्चों के सिर का ताज होते हैं पर जब बेटे ही कपूत बन जाए तो फिर ये ही मां-बाप का बुढ़ापा श्राप बन जाता है। ऐसे ही एक मामला माछीवाड़ा के गांव सहजे माजरा में देखने को मिला, जहां बीमार बुजुर्ग पिता छिंदरपाल अपने बेटे द्वारा घर से निकाले जाने के बाद गली में घूम रहा है और लोगों से रोटी मांग कर खाने को मजबूर है।

60 वर्षीय छिंदरपाल ने आंखों में आंसू भर पत्रकारों को बताया कि वह भट्ठे पर मजदूरी करता था और करीब 23 साल पहले उसकी पत्नी उसको छोड़कर चली गई। उसने अपने 2 बेटों और एक बेटी को बड़ी मुश्किल से पालकर बड़ा किया , जिसमें एक बेटे की जवानी में मौत हो गई और बेटी भी उसे छोड़ कर चली गई। उन्होंने छोटे बेटे को बचपन से लेकर जवानी तक पाला, पढ़ाया और विवाह किया। अब जब इस बेटे को अपने बुढ़ापे का सहारा बनना था तो उसने अपने पिता को घर से निकाल दिया और सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ दिया।

छिंदरपाल ने बताया कि उसका गांव में एक मकान भी था, जिसे उसके बेटे ने 2 लाख रुपए में बेच दिया और अपनी पत्नी सहित माछीवाड़ा में आकर रहने लगा पर वह अपने बुजुर्ग पिता को गांव की गलियों में धक्के खाने के लिए छोड़ गया। वहीं बुजुर्ग छिंदरपाल ने कहा कि उसका बेटा कपूत बन गया पर वह सरकार के आगे गुहार लगाता है कि उसे कोई सहारा दे दे तांकि वह अपने जिंदगी के बचे दिन कुछ आसानी से बिता सके। 

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Vatika