श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा कर इस शख्स को मिली नर्इ जिंदगी, पढ़ें दर्दभरी दास्तां

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 09:35 AM (IST)

अमृतसर: राजपुरा के बठोनिया मोहल्ले के रहने वाले सतपाल सिंह (40) बेटे अनमोल (11) के साथ श्री हरिमंदिर साहिब स्थित श्री गुरु रामदास जी लंगर भवन में सेवा करते समय ‘श्री सतनाम, वाहेगुरु जी’ का पाठ करते हुए अपने धुन में लीन थे। कहने लगे कि मुझे नई जिंदगी श्री हरिमंदिर साहिब से मिली है। 

PGI ने कहा था ‘रब’ ही बचा सकता है
2011 में वह साऊथ अफ्रीका गया था। वहां काला पीलिया हो गया। 3 साल तक इलाज चला। साऊथ अफ्रीका के डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। कंपनी ने उन्हें वापस भारत भेज दिया। पी.जी.आई. में इलाज के लिए गया लेकिन पी.जी.आई. के डाक्टरों ने कुछ महीने इलाज के बाद कह दिया कि अब तो ‘रब’ ही बचा सकता है। इसी बीच किसी ने बताया कि श्री हरिमंदिर साहिब में सच्चे मन से कारसेवा करने वालों पर ‘वाहेगुरु जी’ मेहर करते हैं। बस यही बात मेरे दिल-दिमाग में घर कर गई। 

एक महीने तक परिवार ने श्री हरिमंदिर में की सेवा 
‘पंजाब केसरी’ के साथ खास बातचीत में सतपाल सिंह कहते हैं मैं निराश व हताश होकर घर पहुंचा। पत्नी अरविंद्र कौर से बात की। अगले दिन मैं पत्नी व दोनों बच्चों अनमोल व लक्की (9) के साथ श्री हरिमंदिर साहिब आया। एक महीने तक परिवार ने श्री हरिमंदिर में सेवा की। एक महीने के भीतर ही सेहत में सुधार होना शुरू हो गया। रोजाना दुख भंजनी बेरी के दर्शन कर पवित्र सरोवर में स्नान करने से मुझे लगा कि मैं ठीक होने लगा हूं। रिश्तेदारों से लेकर मोहल्ले वाले सभी अचरज से कहने लगे कि जब ‘दवा’ का असर खत्म हो जाता है तब ‘दुआ’ का असर होता है और यही बात मेरे जिन्दगी में सही चरितार्थ हुई। 


कोढ़ ठीक हो सकता है तो काला पीलिया क्यों नहीं 
‘पंजाब केसरी’ से फोन पर बातचीत करते हुए अरविंद्र कौर कहती हैं कि जब पी.जी.आई. ने जवाब दे दिया तो मैं उस रात बाबा नानक के सामने रोती रही। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूं। सुबह होते-होते मेरे दिमाग में एक ही बात घूम रही थी कि जब पवित्र सरोवर के स्नान से कोढ़ जैसी बीमारी ठीक हो सकती है तो मेरे पति का काला पीलिया क्यों नहीं। आस्था थी, सच्चे मन से अरदास की। मुझे खुशी है कि वाहेगुरुने मेहर की। पति बिल्कुल ठीक हैं। हर महीने सेवा करने के लिए श्री हरिमंदिर साहिब जाना पिछले कई सालों से रूटीन बन गई है। 

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