पंजाब की Cycle Industry के लिए खुशखबरी, लाखों की गिनती में धड़ाधड़ आ रहे Order
punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 12:29 PM (IST)

लुधियाना (धीमान): कोविड के बाद से बुरी तरह प्रभावित हुई साइकिल इंडस्ट्री को लाखों की तादाद में विभिन्न राज्यों से आने वाले सरकारी टैंडरों ने इसमें नई जान डाल दी है। फिलहाल जिन राज्यों से टैंडर आ चुके हैं उनमें तमिलनाडु व आसाम शामिल हैं। इनमें तमिलनाडु से 10 लाख व आसाम से 3.70 लाख साइकिलों के आर्डर आए हैं। उनमें से 5 लाख साइकिलों की पहली खेप एवन साइकिल लिमिटेड की ओर से तैयार कर तमिलनाडु सरकार को भेज दी गई है।
इसके अलावा जल्द ही वैस्ट बंगाल से 15 लाख, राजस्थान से 7 लाख व गुजरात से 2 लाख साइकिलों के टैंडर निकलने वाले हैं। ये सारे आर्डर लुधियाना की साइकिल व साइकिल पार्ट्स बनाने वाली इंडस्ट्री के हिस्से ही आएंगे। वजह, देश में बनने वाले कुल साइकिल व साइकिल पार्ट्स का 90 प्रतिशत हिस्सा लुधियाना में साइकिल बनाने वाली बड़ी कंपनियों को मिलता है, लेकिन काम तमाम इंडस्ट्री के हिस्से में आता है, क्योंकि साइकिल बनाने वाली कंपनियां अधिकतर माल अपने वैंडरों से तैयार करवाती हैं। इसके बाद भी कुछ अन्य राज्यों ने टैंडर निकालने हैं। यहां बता दें कि कोविड के बाद से सरकारी टैंडरों का सिलसिला राज्य सरकारों ने रोक दिया था। लेकिन अब फिर से जोर-शोर के साथ इसे लांच कर दिया गया है। इसकी वजह आगामी लोकसभा चुनावों को भी माना जा रहा है। यहां बता दें कि राज्य सरकारें 9वीं व 10वीं क्लास के छात्र-छात्राओं को सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुफ्त में साइकिल बांटती है।
साइकिल कंपनी के लिए सारे पार्ट्स खुद बनाना मुमकिन नहीं: पाहवा
एवन साइकिल लिमिटेड के सी.एम.डी. ओंकार सिंह पाहवा कहते हैं कि टैंडर चाहे किसी भी कंपनी को मिले लेकिन उसका फायदा तमाम इंडस्ट्री को पहुंचता है। किसी भी बड़ी कंपनी के लिए साइकिल के 250 से ज्यादा पार्ट्स खुद तैयार कर पाना मुश्किल होता है। इसलिए पार्ट्स को अपने वैंडरों से तैयार करवाया जाता है। उन्हें सरकारी साइकिलों की तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हर पार्ट्स का साइज दिया जाता है और टैंडर लेने वाली कंपनी खुद अपनी जिम्मेवारी से एक पार्ट्स को अपनी निगरानी में तैयार करवाती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकारी टैंडर तमाम इंडस्ट्री की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।
टैंडर ही बचाते हैं साइकिल इंडस्ट्री की साख : विश्वकर्मा
विश्वकर्मा ग्रुप के चेयरमैन चरणजीत सिंह विश्वकर्मा कहते हैं कि साइकिल व साइकिल पार्ट्स उद्योग की साख को बचाने में सरकारी टैंडरों का बड़ा योगदान है। अब तक करीब 37 लाख से ज्यादा साइकिलों के आर्डर आ चुके हैं और कुछ आने वाले हैं। इससे छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा होता है। ओपन बाजार में जहां एक-एक साइकिल के लिए पार्ट्स बनाने व बेचने जाना पड़ता है वहीं होलसेल में मिलने वाले साइकिलों के लिए बनने वाले पार्ट्स खुुद घर बैठे ही बिक जाते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर कोविड नहीं आता तो साइकिल का टैंडर एक करोड़ का आंकड़ा पार कर जाता। अभी फिलहाल हर साल 80 लाख साइकिल टैंडरों के जरिए बेचे जाते हैं। बाकी के साइकिल खुले बाजार में बिकते हैं।