रेलवे और अन्य वाहनों के जरिए बिना बिल के शहर में आ रहा करोड़ों रुपए का माल

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2019 - 09:36 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): दूसरे राज्यों और शहरों से शहर में रोजाना रेलवे व सड़क ट्रांसपोर्टेशन के जरिए करोड़ों रुपए का माल अवैध बिलों और बिना बिलों के जरिए नगों के रूप में आ रहा है पर हैरानी की बात है कि न तो आबकारी व कर विभाग और न ही कोई अन्य विभाग इनको रोक पा रहा है। इसी प्रकार के नग (पेटियों में पैक सामान) रोजाना पी.ए.पी., रामा मंडी, जालंधर कैंट रोड पर उतारे जाते हैं। बसों की डिग्गियों और प्राइवेट वाहनों में ये नग भरकर लाए जाते हैं, जिसका माल होता है, वह पहले ही सड़क पर अपनी गाड़ी लेकर खड़ा होता है। 2-3 मिनट में वाहन से सड़क पर पैकेट फैंके जाते हैं, जिसका माल होता है वह उठाकर अपनी गाड़ी में डालकर रफूचक्कर हो जाता है। कोई बिल और कोई टैक्स पूछने वाला नहीं जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। 

जानकारी के अनुसार रोजाना रेलवे स्टेशन से ही सैंकड़ों नग अमृतसर, दिल्ली, लुधियाना, मुंबई, यू.पी. आदि से आते हैं, जिनके कोई बिल नहीं होते, कोई उनका टैक्स पे नहीं किया होता और इन सारे पैकेटों की डिलीवरी सीधे मंगवाने वाले के गोदाम में होती है। इसके लिए न तो कोई किसी प्रकार की चैकिंग करता है और न ही कोई किसी गोदाम तक पहुंच पाता है। इस काम में माफिया एक्टिव है, जिसके सिर पर नेताओं से लेकर अधिकारियों का हाथ है। आबकारी विभाग के कर्मचारियों से लेकर अन्य कई विभागों तक इस माफिया द्वारा महीना पहुंचा दिया जाता है। सरकार को रोजाना कम-से-कम जालंधर रेलवे स्टेशन से ही 2 करोड़ रुपए का चूना लग रहा है। 

नॉर्थ हलके में हैं सबसे ज्यादा गोदाम 
रेलवे के जरिए बिना बिलों का माल कारोबारियों के गोदामों तक पहुंचाने वाला काम करने वाले इस माफिया के साथ कई लोग जुड़े हैं। कोई ट्रांसपोर्ट का काम करता है, कोई कुली के तौर पर माल गाड़ियों तक पहुंचाता है, कोई माल के साथ-साथ गोदाम तक जाता है ताकि रास्ते में कोई दिक्कत न आए। जो माल सीधा रेलवे स्टेशन, अटारी बाजार, बर्तन बाजार, पीर बोदला बाजार, शेखां बाजार, रैनक बाजार सहित कई अन्य बाजारों तक पहुंचाया जाता है। इस माफिया के नॉर्थ हलके में सबसे ज्यादा गोदाम हैं।

ई.डी. के कर्मचारियों ने किए पैकेट चैक
वहीं कैंट रोड पर कुछ बसों और प्राइवेट वाहनों से उतारे गए बड़े-बड़े पैकेटों की चैकिंग के लिए ई.डी. के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने इन पैकेटों को लाने वालों के बिलो की चैकिंग शुरू की लेकिन इस बारे जब पत्रकारों ने जानकारी लेनी चाही तो सिर्फ इतना ही कहा गया कि यह रुटीन चैकिंग है।

Edited By

Sunita sarangal