पराली न जलाने वाले किसानों के लिए आई करोड़ों की राशि सरकारी खाते हैक करके उड़ाई

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 01:44 PM (IST)

जालंधर(नरेंद्र मोहन): धान की नाड़ न जलाने वाले किसानों के लिए आए मुआवजा राशि के करोड़ों रुपए रातों-रात शातिर लोग सरकारी खातों को हैक करके उड़ा ले गए। हालांकि राज्य के फाजिल्का, अबोहर, जलालाबाद शहरों में इस संदर्भ में केस भी दर्ज हुए हैं परन्तु प्रशासन पंजाब भर में अभी खाते खंगालने में लगा है कि हैकरों ने कितनी राशि उड़ाई है। प्रशासकीय सुधार विभाग के चंडीगढ़ स्थित अतिरिक्त मुख्य सचिव विश्वजीत खन्ना का कहना था कि अभी फाजिल्का जिला में कार्रवाई हुई है, जहां करीब 1700 मामले सामने आए हैं, अन्य स्थानों की जांच जारी है जबकि कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू का कहना था कि तुरंत प्रभाव से सारे खातों के पासवर्ड बदल दिए गए हैं और जिन लोगों के खातों में राशि तबदील की गई उनसे शीघ्र ही राशि वसूली जाएगी परन्तु मामला केवल फाजिल्का जिला का नहीं बल्कि राज्य के एक दर्जन से अधिक जिलों में यह घपला हुआ है।

सूत्रों ने खुलासा किया है कि वास्तव में कम्प्यूटर चलाने में अनभिज्ञ फाजिल्का के सरकारी अधिकारियों ने ऑनलाइन कार्यों का काम प्राइवेट कम्प्यूटर संचालकों को दे रखा था और उन्हें आई.डी. व पासवर्ड भी दिए हुए थे जिससे उन्हें हर बात की जानकारी होती थी। अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं।  पंजाब सरकार ने पराली न जलाने वाले किसानों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर प्रति क्विंटल फसल 100 रुपए देने के लिए फार्म भरने को कहा था। किसानों द्वारा फार्म भरे जा रहे थे। पंजाब सरकार ने फिलहाल इस मकसद के लिए किसानों को 20 करोड़ रुपए जारी किए हैं परन्तु अचानक ही रातों-रात बिना किसी जांच-पड़ताल के ऐसे लोगों के खातों में धनराशि ट्रांसफर होने लगी जो न तो किसान थे और न ही जिनके पास कोई जमीन थी। 

मुआवजा भरने के फार्म ऑनलाइन भरे जा रहे थे। फाजिल्का के एक उपमंडल अधिकारी के रीडर रहे सेवामुक्त कर्मचारी के बेटे के कम्प्यूटर केंद्र पर ऐसे तमाम कार्य होते थे जिनका संबंध सरकार के ऑनलाइन कार्यों से था। यहीं से ही सारा गोलमाल होना शुरू हुआ। जैसे ही जिला प्रशासन को इसका पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जिला फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर मनप्रीत सिंह ने बताया कि तत्काल ही मुआवजा राशि के फार्म भरने वाले कम्प्यूटर केन्द्रों पर छापेमारी शुरू हो गई और कुछ के कम्प्यूटर कब्जे में ले लिए गए जिन्हें चंडीगढ़ में भेजा गया है। 

एक दर्जन से अधिक जिलों में जुड़े हैं तार 
सूत्र बताते हैं कि इसमें पंचायत विभाग के लोगों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा रहा। मुआवजा राशि से जिला प्रशासन, कृषि विभाग, गवर्नैंस रिफॉर्म, पंचायती विभाग सीधे रूप से जुड़े हैं। जिस तरह से पलों में ये कार्य हुए, उससे सब कुछ संदेह के दायरे में है। मामला केवल फाजिल्का जिले से जुड़ा नहीं है बल्कि तरनतारन, अमृतसर, होशियारपुर समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में इसके तार जुड़े हुए हैं।

विभाग ने सॉफ्टवेयर ठीक कर बदले पासवर्ड
पंजाब कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि फाजिल्का में करीब 1700 मामले नजर सामने आए हैं परन्तु सभी से राशि वापस ली जाएगी। पन्नू का दावा था कि विभाग ने अपना सॉफ्टवेयर तत्काल ठीक कर लिया है और पासवर्ड बदल दिए हैं। उनका यह भी दावा था कि गलत राशि कुछ ही करोड़ रुपए की हुई है, यह 3-4 करोड़ की भी हो सकती है। जबकि सूत्रों ने खुलासा किया है कि सोमवार और मंगलवार को इस संदर्भ में बैठकें और वीडियो कांफ्रैंसिंग भी की जा रही है जिसमें राज्य के सभी अधिकारी चर्चा करेंगे।

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