सरकारी हो या प्राइवेट, हर बस पर रहेगी सरकार की नजर

punjabkesari.in Sunday, Jan 13, 2019 - 08:22 AM (IST)

जालंधर(मोहन): पंजाब में चलने वाली एक-एक बस अब पंजाब सरकार की स्क्रीन पर नजर आएगी। राज्य की सभी 10 हजार सरकारी पी.आर.टी.सी., पनबस, पंजाब रोडवेज और निजी बसों में सरकार द्वारा जी.पी.एस. (वाहन की स्थिति बताने वाली प्रणाली) लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बस प्राइवेट हो अथवा सरकारी, कौन-सी बस कितने बजे बस अड्डे पर है, कितने बजे चली, कहां रुकी और कहा नहीं रुकी या फिर अपने रूट से हटकर तो नहीं चली, इन सब बातों की पल-पल की जानकारी शीघ्र ही सरकार के पास रहेगी। 

अवैध बसों के चलन को रोकने में असफल रही पंजाब सरकार
पंजाब सरकार तो शायद अवैध बसों के चलन को रोक पाने में सफल रही हो, परन्तु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद केन्द्र सरकार ने इसे सख्ती से लागू करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। पहले से ही ट्रांसपोर्ट माफिया को परोक्ष रूप से मदद पहुंचा रही सरकार को 31 मार्च तक तमाम कार्य मुकम्मल करने के लिए कह दिया गया है। 

केंद्र ने लगाई पंजाब सरकार को लताड़
पंजाब में बस माफिया को खत्म करने के दावे से आई पंजाब सरकार ने केन्द्र द्वारा फंड जारी करने के बावजूद इस पारदर्शी प्रणाली को लागू करने में अज्ञात कारणों से कोताही बरती। हालांकि इस बात को स्पष्ट करना मुश्किल है, परन्तु सूत्र बताते हैं कि पंजाब में इस मामले को लेकर खींचतान चलती रही है। जी.पी.एस. लगाने के लिए टैंडर प्रक्रिया भी मुकम्मल हो गई थी, परन्तु मंत्री बदलने के बाद इसे भी स्थगित कर दिया गया। इसे लेकर कई प्रकार की चर्चाएं चलीं। केन्द्र की लताड़ के बाद जैसे-तैसे पंजाब सरकार ने एक वर्ष का समय और लिया, परन्तु इस एक वर्ष में से अधिकतर समय भी सरकार ने इधर-उधर करके निकाला, जिसका सीधा फायदा ट्रांसपोर्ट माफिया को ही हुआ। अब जब 31 मार्च को केन्द्र द्वारा इस योजना के लिए दिया फंड लैप्स हो जाएगा, पंजाब का ट्रांसपोर्ट विभाग नींद से जाग गया है व एक बार फिर से जी.पी.एस. के लिए टैंडर मांगे गए हैं। इसके लागू होने के बाद ये आरोप भी खत्म हो जाएंगे कि निजी बसें सरकारी बसों का समय खा रही हैं। 

यात्रियों को मिलेगा लाभ
इस सिस्टम को लागू किए जाने से सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को होने वाला है। किसी भी मार्ग पर बस के इंजार में खड़े यात्री अब इस प्रणाली से अपने मोबाइल पर बस के उस मार्ग पर आने की स्थिति और सीटों की स्थिति के बारे में भी जान सकेंगे तथा अगर सीट ऑनलाइन खाली नजर आ रही हो तो मोबाइल पर ही अपनी मनपसंद सीट बुक करवा सकेंगे। इसके लिए कंडक्टर को भी टैब दिए जाएंगे।

पंजाब के 18 सरकारी बस डिपुओं के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया शुरू
इसके साथ ही पंजाब के सभी 18 सरकारी बस डिपुओं के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कौन-सा बस डिपो किस स्थिति में है, कितना मुनाफा है या फिर नुक्सान है, इन सभी बातों का विवरण अब चंडीगढ़ में ही सरकार के कम्प्यूटर पर होगा। यहां तक कि बस में डाले गए स्पेयर पाटर््स, सॢवस अवधि, बस चालक-परिचालक के बारे में भी जानकारी रखी जाएगी। अलग-अलग बस डिपुओं की जानकारी लेने की अब सरकार को जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि सरकार खुद ही देख सकेगी कि यात्रियों की किस रूट पर क्या स्थिति है। राज्य की परिवहन मंत्री अरुणा चौधरी का इस बारे में कहना था कि अधिकारियों के तबादलों के कारण इस कार्य में देरी हुई, परन्तु अब सरकार इस प्रणाली पर तेजी से काम कर रही है और इसे तयशुदा समय में पूरा कर लिया जाएगा।

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