सरकार ने बिजली मामले में 300 करोड़ की खाई रिश्वत : सुखबीर बादल

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 08:18 AM (IST)

फरीदकोट(हाली): शिरोमणि अकाली दल छोड़कर जा रहे नेताओं को टकसाली अकाली कहना गलत है, वास्तव में वे जाली अकाली हैं। यह बात शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब में शुरू किए जिला स्तरीय रोष धरनों की लड़ी के अंतर्गत यहां धरने में कही। उन्होंने पंडाल में उपस्थित लोगों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि असली टकसाली ये हैं जो बिना किसी लालच के पार्टी के साथ खड़े हैं। 

सुखबीर ने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार ने बिजली कंपनियों से 300 करोड़ रुपए रिश्वत खाई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी सरकार ने जो समझौते किए थे वे लोक हित को ध्यान में रखते हुए किए थे परन्तु कांग्रेस की सरकार ने अब बिजली के रेटों में भारी विस्तार करके पिछले 3 सालों में 2200 करोड़ रुपए लोगों से और वसूल लिए हैं। सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस सरकार खजाना खाली होने का ङ्क्षढढोरा पीट रही है, मुझे एक महीने के लिए सरकार दें, फिर देखो पहले की तरह ही कैसे विकास की झडिय़ां लगती हैं। अगर फिर अकाली दल की सरकार बनी तो इस बार पंजाब के 12,000 गांवों में भी सीवरेज डलवा दिए जाएंगे।

सिकंदर सिंह मलूका, जत्थेदार तोता सिंह, भाजपा नेता दया सिंह सोढी, महेशइन्द्र सिंह ग्रेवाल, जिला प्रधान मनतार सिंह बराड़, परमबंस सिंह बंटी रोमाना और सूबा सिंह बादल ने कहा कि जब-जब भी अकाली दल की सरकार आई है तब-तब ही पंजाब में विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को संगरूर में पार्टी द्वारा धरना दिया जाएगा। 
इस समय सतीश ग्रोवर, यादविन्द्र सिंह यादी, जगतार सिंह अराइयांवाला, नवदीप सिंह बब्बू  बराड़ जिला चेयरमैन, गुरतेज सिंह गिल, हरकीरत सिंह गिल, जिमी भोलूवाला, गुरिन्द्र कौर भोलूवाला  आदि मौजूद थे।

कसाली खुद परिवारवाद को दे रहे बढ़ावा : ग्रेवाल 
सीनियर अकाली नेता और पूर्व मंत्री महेशइन्द्र सिंह ग्रेवाल ने अपना भाषण टकसालियों पर केंद्रित रखा और टकसालियों के बहाने अपना रोना भी रोया। उन्होंने सुखबीर बादल को बताया कि कैसे जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा के समय उनको नजरअंदाज करके अब टकसाली बने (अकाली दल छोड़ चुके सीनियर नेता) नेताओं को प्रकाश सिंह बादल ग्रांटें देते रहे, जिस कारण वे नेता बादल परिवार के ज्यादा सिर चढ़ गए। टकसाली खुद परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और अकाली दल बादल में से परिवारवाद को खत्म करने की बात कर रहे हैं।

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