सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर सजा नहीं इलाज मिलेगा: कैप्टन

punjabkesari.in Tuesday, Jul 10, 2018 - 03:59 PM (IST)

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आज स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारियोंं का डोप टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर उन कर्मचारियोंं को सजा या नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जाएगा बल्कि उनकी पहचान को गुप्त रखते हुए इलाज मुहैया करवाया जाएगा। राज्य सरकार की नशा विरोधी मुहिम की प्रगति का जायजा लेने के लिए कैबिनेट सब-कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को पुलिस कर्मचारियों सहित सरकारी कर्मचारियोंं का डोप टेस्ट करवाने के लिए दिशा-निर्देश और उचित प्रक्रिया तैयार करने की हिदायत की।

कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने नशा विरोधी कानूनों को और सख्ती से अमल में लाने के लिए सरकार के यतनों में तेजी लाने के साथ-साथ नशों की रोकथाम, नशा मुक्ति और पुनर्निवास की बेहतर व्यवस्था कायम करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से नशा मुक्ति संबंधी रणनीति को नतीजे तक ले जाया जाएगा जिससे राज्य में से नशों की कुरीति का खात्मा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना प्रमुख निर्धारित समय में अपने-अपने इलाकों में पड़ते गांवों में से नशों की समस्या को दूर करने के लिए जवाबदेह होंगे। उन्होंने नशों से संबंधी बकाया पड़े मामलों में तेजी लाने के भी आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना मुखियों सहित एस.डी.एम. और डी.एस.पी. भी अपने-अपने इलाकों को नशा मुक्त बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे। एक ओैर अहम फैसले में मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों का सेवन करने वाले जो व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए खर्चा नहीं उठा सकते, उनके इलाज का खर्चा सरकार उठाएगी। 
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति केन्द्रों का सामथ्र्य बढ़ाने और ओट (ओ.ओ.ए.टी.) सेंटरों में विस्तार करने के आदेश दिए जिससे पुनर्निवास केन्द्रों में नशा छोडऩे आने वालों की जरूरतों को प्रभावी ढंग के साथ हल किया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि इन केन्द्रों को मजबूत बनाने के लिए प्राइवेट कलीनिकों को भी साथ शामिल कर लेना चाहिए। लोगों की नशा विरोधी मुहिम को और व्यापक बनाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों द्वारा इसका नेतृत्व करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को विभिन्न जिलों का दौरा करने और संबंधित अधिकारियों, गैर-सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसायटियों के साथ इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक विचार-विमर्श करने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए लोक लहर समय की जरूरत है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को नशा विरोधी मुहिम राज्य भर के लोगों तक ले जाने के लिए कहा। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, परिवहन मंत्री अरुना चौधरी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एन.एस. कलसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सतीश चंद्रा, सचिव गृह कुमार राहुल, डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी. इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता और ए.डी.जी.पी. अमन और कानून ईश्वर सिंह उपस्थित थे।
 

Vaneet