सरकार को इस ज़िले में लग रही करोड़ों की एग्रो फूड इंडस्ट्री से बड़ी उम्मीदें, रोज़गार में भी होगी वृद्धि

punjabkesari.in Wednesday, Aug 30, 2023 - 06:30 PM (IST)

जालंधर (नरेंद्र मोहन): पंजाब सरकार को मोहाली में विकसित हो रहे 90 एकड़ में नए इंडस्ट्रियल एरिया एम.आई.ई.जेड. से आय, रोज़गार और किसान कल्याण की बड़ी उम्मीदें हैं। यहां लगभग 65 इंडस्ट्री यूनिट्स लगना तय हो चुकी हैं जिनमें 100 प्रतिशत एक्सपोर्ट यूनिट रॉयल एग्रो फूड जैसा बड़ा उद्योग भी शामिल है। मौजूदा सरकार की उद्योग व एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो के तहत ग्रीन स्टैंप पेपर्स, नए इंडस्ट्रियल ज़ोन, उद्योगों को पांच साल तक स्थिर 5.50 रुपये प्रति के.वी.ए.एच. की दर पर बिजली, रेगुलर बिज़नेस सम्मेलन, बनूड़-लांडरा टेपला जैसे नए हाईवे से सुखद माहौल बन रहा है व इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

मोहाली जिले में बनूड़-टेपला मार्ग पर 100 करोड़ से अधिक निवेश से रॉयल एग्रो फूड प्रोसेसिंग (सी.ए. स्टोर कोल्ड चेन) लगना शुरू हो चुका है। पहले चरण में रॉयल एग्रो गैर-पारंपरिक फसलें जैसे कि बंद गोभी, गाजर, गोभी, मटर, फलियां आदि की प्रोसेसिंग व स्टोरेज करेगी व दूसरे चरण में अन्य फसलों को शामिल किया जाएगा। इस इंडस्ट्री के लगने से किसानों को जहां अपनी फसल बेचनी आसान होगी, वहीं फसल का मूल्य भी ज्यादा मिलेगा जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इतना बड़ा (सी.ए. स्टोर कोल्ड चेन) लगने से पंजाब में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा व छोटे एंसिलरी यूनिट लगेंगे और बड़े यूनिट्स लगने का मार्ग प्रशस्त होगा।

90 एकड़ में नया इंडस्ट्रियल एरिया एम.आई.ई.जेड. डेवेलप हो रहा है और यहां लगभग 65 इंडस्ट्रीज़  यूनिट्स लगना तय हो चुकी हैं जिनमें रॉयल एग्रो फूड जैसे और भी उद्योगों का काम शुरू होने वाला है। देश के आर्थिक सर्वे के मुताबिक राज्य में कृषि और सहयोगी क्षेत्र 26 प्रतिशत अतिरिक्त लोगों को रोज़गार देता है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 47 प्रतिशत है। मोहाली में लगने वाले उद्योगों से रोज़गार भी मिलेगा। गौरतलब है कि पंजाब देश में अन्न का सबसे अधिक उत्पादन करता है। पंजाब गेहूं, कपास, धान, लीची, अमरूद और मंदारिन संतरे का सबसे बड़ा उत्पादक है।

रॉयल एग्रो फूड जैसी कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगने से इलाके के किसानों को अपनी फसलों का उपयोग दाम अपने खेतों के आस-पास ही आसानी से मिलना शुरु हो जाएगा और पंजाब के किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होंगे। यहां ये भी गौरतलब है कि पंजाब से प्रमुख निर्यात उत्पादों में बासमती चावल, तैयार अनाज, मादक पेय, एफ एंड वी बीज, प्राकृतिक शहद, गैर-बासमती और अन्य अनाज  शामिल हैं। प्रमुख देश जहां पंजाब निर्यात कर रहा है वे हैं सऊदी अरब, इराक, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, पाकिस्तान, कुवैत, ओमान, ईरान, वियतनाम आदि हैं। 2017-18 में पंजाब से 1,545 मिलियन डॉलर का कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था लेकिन उसके बाद निर्यात में लगातार गिरावट दर्ज की गई जो 2018-19 में 1,402 मिलियन डॉलर से 2019-20 में 1,267 डॉलर और 2020-21 में 1,161 मिलियन डॉलर से 2021-22 में 978 मिलियन डॉलर हो गया।

जबकि दूसरी तरफ पंजाब भारत के गेहूं उत्पादन का लगभग 17%, चावल उत्पादन का लगभग 12% और दूध उत्पादन का लगभग 5% बनाता है जिसे भारत की ब्रेड बास्केट के रूप में जाना जाता है। अपने भौगोलिक क्षेत्र का केवल 1.53% कवर करने के बावजूद पंजाब भारत के गेहूं उत्पादन का लगभग 15-20%, चावल उत्पादन का लगभग 12% और दूध उत्पादन का लगभग 10% बनाता है। पंजाब के खाद्य प्रसंस्करण कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा का कहना था कि राज्य सरकार खाद्य प्रोसेसिंग क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है जिससे एक तरफ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और किसानों को भी काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश खाद्य प्रोसेसिंग हब के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य प्रोसेसिंग क्षेत्र को प्रमुख क्षेत्रों में रखा है और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि आधारित खाद्य प्रोसेसिंग और उसके निर्यात में ही बड़ी सफलता प्राप्त करेगा।

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News Editor

Paras Sanotra