सरकारी स्कूलों में डिजीटल शिक्षा की तरफ सरकार ने बढ़ाए कदम, स्मार्ट स्कूल बनेंगे: सोनी

punjabkesari.in Saturday, Dec 22, 2018 - 09:30 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा शिक्षा विभाग ओ.पी. सोनी को दिए जाने के बाद से शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अनेकों क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं। राज्य में इस समय कुल 19236 सरकारी स्कूल कार्य कर रहे हैं, जिसमें 12921 प्राइमरी स्कूल, 2672 मिडल स्कूल, 1744 हाई स्कूल तथा 1899 सीनियर सैकेंडरी स्कूल शामिल हैं। इतने अधिक स्कूलों का प्रबंधन बेहतर ढंग से चलाने के लिए शिक्षा मंत्री सोनी द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में सोनी से कुछ सवाल-जवाब किए। 

प्र. : कैप्टन सरकार ने राज्य में प्री प्राइमरी स्कूल शुरू किए हैं, जिसमें कितने विद्याॢथयों ने दाखिले के लिए आवेदन किए हैं?
उ. : प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। 3 से 6 वर्ष आयु के लगभग 1.73 लाख छात्रों को दाखिले के लिए सूचीबद्ध किया गया है। अध्यापकों का प्रशिक्षण कार्य पूरा हो गया है। बच्चों के हितैषी शिक्षा ढांचे को तैयार किया गया है।

प्र. : सरकार ने पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब कार्य शुरू किया था, उसके क्या नतीजे सामने आ रहे हैं?
उ. : पंजाब में प्राइमरी स्तर पर शिक्षा स्तर को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह संतुष्ट नहीं थे, इसलिए जब शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने उन्हें सौंपी थी तो सबसे पहले उन्होंने पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब कार्यक्रम शुरू किया। इसे पहली से 8वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है। अब विद्याॢथयों के बौद्धिक स्तर में सुधार देखा गया है। अब सरकार ने पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब कार्यक्रम को 9वीं से 12वीं कक्षा तक भी शुरू कर दिया है। 

प्र. : मुख्यमंत्री ने पहल करके राज्य में अंग्रेजी को पहल देने का निर्णय लिया, उसके क्या परिणाम सामने आए हैं?
उ. : राज्य के 2387 सरकारी, मिडल, हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में अंग्रेजी को भाषा का माध्यम बनाया गया है तथा 2800 प्राइमरी स्कूलों में भी अंग्रेजी भाषा को लागू कर दिया गया है। इस समय 43113 विद्याॢथयों ने अंग्रेजी भाषा को 2387 सरकारी, मिडल, हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में अडाप्ट कर लिया है। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में 11वीं व 12वीं कक्षाओं में आईलैट्स को अंग्रेजी विषय में लागू किया है। इससे विद्याॢथयों के अंग्रेजी में लिखने, बोलने, पढऩे के स्तर में सुधार होगा। 1056 सरकारी सीनियर सैकेंडरों स्कूलों को इस योजना के तहत कवर किया गया है।

प्र. : सरकार ने स्मार्ट स्कूलों को भी प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया था?
उ. : राज्य में 261 स्मार्ट स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाया जा रहा है। इन स्कूलों को माडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन स्कूलों में सरकार ने स्मार्ट क्लासों, सोलर एनर्जी, अच्छी खेल सुविधाएं देने का निर्णय लिया है। अब तक सरकार स्मार्ट स्कूलों के लिए 27.69 करोड़ रुपए की राशि जारी कर चुकी है। इसी तरह से 1178 सरकारी प्राइमरी, तथा 578 सरकारी हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को सैल्फ मेड स्मार्ट स्कूल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। 

प्र. : मौजूदा समय डिजीटल का है, इसलिए डिजीटल शिक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उ. : राज्य के विभिन्न स्कूलों में 21000 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए हैं, जहां पर डिजीटल शिक्षा विद्याॢथयों को दी जाएगी। इन स्कूलों में आधुनिक आई.सी.टी टूल्स जैसे प्रोजैक्टर आदि उपलब्ध करवाए गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा डिजीटल क्लासरूम बनाने के लिए कार्य शुरू किया गया है। राज्य के 5371 सरकारी स्कूलों में 21319 स्मार्ट क्लासरूम बनाए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में वाईफाई इंटरनैट की सुविधा दी जा रही है, जिसके लिए 6 कम्पनियों ने अपने प्रस्ताव सरकार के सामने रखे हैं।

प्र. : खेलों का स्तर सरकारी स्कूलों में अच्छा नहीं है, इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
उ. : कैप्टन सरकार ने नई खेल नीति 2018 बनाई है, जिसके तहत सरकारी स्कूलों में शुरू से ही खेलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न छात्रों के खेलों की रुचि को देखते हुए कदम उठाए जाएंगे। 

प्र. : शिक्षा विभाग में ई-गवर्नैंस के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उ. : स्कूलों, विद्याॢथयों व अध्यापकों से संबंधित सभी आंकड़ों को कम्प्यूटराइज्ड कर दिया गया है तथा विभाग की वैबसाइट पर ये आंकड़े डाल दिए गए हैं। अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर निर्देश दिए गए हैं कि वे ई-गवर्नैंस को पूरी तरह से लागू करे। 

प्र. : पिछले एक वर्ष में शिक्षा विभाग में कितनी पदोन्नतियां दी गई हैं? 
उ. : एक वर्ष के दौरान 4882 टीचिंग एंड नॉन टीचिंग स्टाफ को पदोन्नतियां दी गई हैं। शिक्षा विभाग अध्यापकों व गैर अध्यापकों को भविष्य में भी उनकी बनती पदोन्नतियां देगा। 

नाबार्ड से शिक्षा विभाग को मिला भारी सहयोग
शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने कहा कि नाबार्ड से शिक्षा विभाग को भारी सहयोग मिल रहा है। नाबार्ड ने 1597 कक्षाओं का निर्माण करने के लिए 2017-18 में 120 करोड़ की राशि मंजूर की थी। नाबार्ड से लगभग 20 करोड़ की ग्रांट मिल गई है, जोकि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है। इससे 266 कक्षाओं का निर्माण होगा। जैसे ही और फंड नाबार्ड से आएंगे उन्हें स्कूल प्रबंधक कमेटियों के पास भेज दिया जाएगा। पंजाब सरकार ने प्राइमरी व मिडल स्कूलों में ग्रीन बोर्ड तथा फर्नीचर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने इसके लिए बजट का प्रावधान कर दिया है। राज्य मेें 3100 अध्यापकों की विभिन्न वर्गों में भर्ती कार्य पूरा हो चुका है। 1100 और अध्यापकों को भर्ती किया जाएगा। 

 

अब तक 9000 अध्यापकों को नियमित किया गया
शिक्षा मंत्री सोनी ने कहा कि राज्य में अब तक 9000 अध्यापकों को सरकार नियमित कर चुकी है। इसके लिए पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है। यह अध्यापक पांच सोसाइटियों एस.एस.ए., आर.एम.एस.ए., आदर्श/माडल स्कूल तथा मैरीटोरियस स्कूलों से संबंध रखते हैं। इसी तरह से सरकार ने सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिसके लिए 10 करोड़ का टैंडर लगाया गया है। पंजाब में 1000 स्कूलों में बायोमैट्रिक अटैंडैंडस सिस्टम शुरू किया गया है। 

स्कूल शिक्षा बोर्ड में सुधारों को लागू किया
सोनी ने बताया कि पंजाब राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड में सुधारों को लागू किया गया है। इसके तहत बोर्ड द्वारा परीक्षाओं के बाद सर्टीफिकेट आनलाइन जारी किए जाएंगे। जन्म तारीखों में संशोधन के लिए सर्टीफिकेट जारी किए जा रहे हैं। बोर्ड कक्षाओं के नतीजों की तैयारियों के लिए मोबाइल ऐप तैयार करके अपलोड किया गया है। 2018 में बोर्ड परीक्षाओं के एक महीने के अंदर नतीजे घोषित किए गए। परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए स्कूलों में सख्ती की गई। संवेदनशील केन्द्रों में वीडियो कैमरे लगाए गए। विद्याॢथयों की सुविधा के लिए बोर्ड ने सभी पाठ्य पुस्तकों को आनलाइन उपलब्ध करवाया है। स्कूलों में प्रतियोगिता बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने उनमें मुकाबले शुरू करवाया है तथा स्कूलों को ग्रेडिंग दी जा रही है। 


 

Vaneet