खुलेआम कानून का उल्लंघन, सरकारी गाड़ियां बनीं ‘घरेलू मेहमाननवाज़ी’ का ज़रिया

punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 08:48 PM (IST)

बलाचौर (ब्रह्मपुरी):- पंजाब सरकार रोज़ाना ईमानदारी का ढिंढोरा पीटती है और लोगों के बीच अपनी साख सही बनाने के लिए जिला-स्तर या राज्य-स्तर की मीटिंगें करके यह संदेश देती है कि अपनी ड्यूटी लोकहित में करें। कभी भी सरकारी पैसे या संसाधनों का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ताकि लोगों के बीच सरकार की इमेज साफ बनी रहे, लेकिन शहीद भगत सिंह नगर जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी खुद ही सरकारी संसाधनों का गलत इस्तेमाल करते हैं और यहां तक कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल अपने घरेलू कामों के लिए भी करते हैं। इसका ताजा उदाहरण बलाचौर का एसडीएम ऑफिस है।

क्या है मामला
 
सूत्रों के अनुसार बलाचौर सब-डिवीजन के मौजूदा एसडीएम ऑफिस की दो सरकारी गाड़ियां कई दिनों से ऑफिस से दूर पर्सनल कामों के लिए इस्तेमाल हो रही हैं, जिनमें से एक बोलेरो है, जो कागज़ों में एसडीएम को जारी की गई है और दूसरी गाड़ी नायब तहसीलदार को जारी की गई है। यह दोनों गाड़ियां बलाचौर इलाके से बहुत दूर मालवा क्षेत्र के एक जिले में अधिकारियों की घरेलू खातिरदारी में सरकारी ड्राइवर लेकर गए हुए हैं। इन दोनों गाड़ियों की अपने निजी प्रयोग में सरकारी ड्राइवरों द्वारा या अफसरशाही के कहने पर इस्तेमाल करना सरेआम कानून के खिलाफ है।

नियम क्या हैं?

सरकारी कानून के अनुसार कोई भी सरकारी गाड़ी बिना किसी सरकारी काम के अपने हेडक्वार्टर से बाहर नहीं जा सकती। अगर उसे ले जाना है या इस्तेमाल करना है, तो डिपार्टमेंटल परमिशन लेना ज़रूरी है। लेकिन बलाचौर की दोनों गाड़ियां एक हफ्ते से सब-डिवीजन से बाहर हैं। अगर इन गाड़ियों में इस्तेमाल हुए तेल की मात्रा और वह किस अकाउंट से आया, इसकी जांच की जाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा। सूत्रों के अनुसार, एसडीएम पद पर तैनात सरकारी अधिकारी के घर पर कोई पारिवारिक कार्यक्रम है, जिसकी वजह से नियमों को ताक पर रख कर बलाचौर के एसडीएम और तहसीलदार ऑफिस लोगों के पैसे का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। 

क्या कहते हैं एसडीएम प्रशासन :-
एसडीएम बलाचौर इंद्रपाल सिंह बैंस से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले चार्ज लिया है पर उनके ध्यान में नहीं है कि गाड़ी कहां है, वह इस बारे में चैक करवाते हैं। हालांकि इस मामले के बारे में जब कोई अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो पूरे कार्यालय का चार्ज समेत सामान देकर जाता है पर दुख की बात है कि कार्यालय के मालिक को पता ही नहीं कि सरकारी गाड़ी कहां है।


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Content Editor

Subhash Kapoor