सरकारें लोगों को मुफ्तखोर बना रहीं : तृप्त बाजवा

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 12:13 PM (IST)

जालंधर/चंडीगढ़(नरेंद्र मोहन, अश्वनी): दिल्ली में कांग्रेस की हार से पीड़ित हुए पंजाब में मंत्री तृप्त रजिंद्र सिंह बाजवा अब लोगों को लोक-लुभावन सुविधाएं देने पर प्रश्न उठाने लगे हैं। आज चंडीगढ़ में नाबार्ड के एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकारें लोगों को मुफ्तखोर बना रही हैं।अपनी ही सरकार की बात करते हुए मंत्री बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों को ट्यूबवैल के लिए नि:शुल्क बिजली के साथ-साथ गांवों में पीने वाला पानी मुफ्त दे रही है, परन्तु मुफ्त सुविधाएं देना सरकार के हित में नहीं है। वक्त को देखते हुए इन सुविधाओं में तबदीली होनी चाहिए। मंत्री बाजवा दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हुई बुरी पराजय पर अपनी ङ्क्षचता प्रकट कर चुके हैं।

नाबार्ड कर्ज स्कीमों के नियम पंजाब के अनुकूल बनाए
नाबार्ड के कार्यक्रम में आए मंत्री बाजवा ने नाबार्ड से भी इस बात के लिए रोष प्रकट किया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते ऋण में भी कटौती की जा रही है और ब्याज में भी वृद्धि की जा रही है। नाबार्ड को अपनी ऋण योजनाओं को पंजाब के अनुकूल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में अब नीली क्रांति कहां से आएगी, जबकि केंद्र सरकार ऋण में कटौती का संदेश दे चुकी है। यद्यपि नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर जे.पी. ङ्क्षबद्रा ने इस कटौती को बैंकों से अनाप-शनाप ऋण लेने को रोकने का प्रयास बताया। बाजवा ने कहा कि किसानों की स्थिति को उबारने तथा फसल विविधता के लिए ऋण बेहद आवश्यक है।


उन्होंने बैंकों को कृषि आमदन में वृद्धि करने तथा वर्ष 2022 तक इसको दोगुना करने के उद्देश्य से पूंजीगत इकाइयां जैसे कि डेयरी, पोल्ट्री, मछली पालन और एग्रो-प्रोसैसिंग यूनिटों के लिए कर्ज मुहैया करवाने की सलाह दी। उन्होंने किसानों की आमदन में वृद्धि करने के लिए उन्हें खेती के साथ-साथ डेयरी इकाइयां, सूअर पालन, पोल्ट्री इकाइयों के साथ-साथ छोटे-छोटे बाग लगाने की जरूरत पर जोर दिया।


अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवाजीत खन्ना ने नाबार्ड द्वारा अपने स्टेट फोकस पेपर में अत्याधुनिक कृषि की तरफ ध्यान देने की प्रशंसा भी की। पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर जे.पी. ङ्क्षबद्रा ने कहा कि मौजूदा स्टेट फोकस पेपर का विषय ‘अत्याधुनिक कृषि’ है। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए फसलीय विभिन्नता, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, कृषि की लागत को घटाना और कृषि सहायक धंधों तथा कृषि से अलग सैक्टरों की गतिविधियों के जरिए किसानों के लिए लाभदायक मेहनताने को यकीनी बनाना भावी रणनीतियों में शामिल होगा।

 

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