3000 हैक्टेयर क्षेत्र में हरियाली का ग्राफ घटा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2019 - 10:46 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के करीब 3000 हैक्टेयर क्षेत्र से ट्री कवर गायब हो गया है। बेशक प्रदेश के फॉरैस्ट कवर में करीब 11.63 वर्ग किलोमीटर की बढ़ौतरी हुई है लेकिन यह बढ़ौतरी प्रदेश में हरियाली के ग्राफ को बढ़ा नहीं पाई है। सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी स्टेट ऑफ फॉरैस्ट रिपोर्ट-2019 में सामने आया है कि पंजाब में पिछले कुछ सालों के दौरान पेड़ों की बेतहाशा कटाई से हरियाली का ग्राफ लुढ़का है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2015 से फरवरी 2019 तक पंजाब में करीब 1525 हैक्टेयर वन्य भूमि को गैर वन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किया गया है। इस भूमि पर खड़े हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई। 

पंजाब सरकार की किरकिरी
यह आंकड़े पंजाब सरकार की किरकिरी का सबब बनेंगे क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने देशभर में पेड़ों की कटाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। बाकायदा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने केंद्र सरकार पर लोगों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने केंद्र सरकार पर बीते 5 साल में एक करोड़ से ज्यादा पेड़ काटने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या सरकार लोगों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है? उन्होंने पेड़ों को पर्यावरण का रक्षक बताते हुए ट्वीट कर कहा था कि पेड़ जीवन हैं, पेड़ ऑक्सीजन देते हैं, पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं। सरकार ने 5 साल में 1,09,75,844 पेड़ काट डाले। क्या केंद्र सरकार भविष्य से खिलवाड़ कर रही है? 

राज्यसभा की रिपोर्ट में भी उठे सवाल 
पंजाब में वन भूमि के इस्तेमाल को लेकर राज्यसभा द्वारा पर्यावरण मामलों पर गठित कमेटी ने भी इसी वर्ष रिपोर्ट सबमिट की थी। इस रिपोर्ट में सामने आया था कि पंजाब एकमात्र राज्य है जहां योजनाओं को अमल में लाने के लिए सबसे ज्यादा वन भूमि के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया था कि 1 जनवरी 2003 से 20 जून 2018 तक पंजाब में करीब 60658 हैक्टेयर वन्य भूमि को गैर वन्य कार्यों के लिए डायवर्ट किया गया। पंजाब सरकार ने वन भूमि पर करीब 3685 योजनाओं को मंजूरी देने का प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय के पास भेजा। 

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