बस यात्रियों को नहीं कोरोना का खौफ, अब पंजाब सरकार बसें चलाने पर ले सकती है बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Apr 08, 2021 - 01:39 PM (IST)

जालंधर(पुनीत): पंजाब सरकार द्वारा कोरोना को लेकर जो नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान लोगों के इक्ट्ठे होने की गिनती में भारी कमी की गई। इसी के साथ-साथ दुकान के अंदर 10 से अधिक लोगों के बैठने पर पाबंदी रहेगी लेकिन सरकार की इन नई गाइडलाइनों में बसों के यात्रियों के लिए कोई नई सख्ती का नियम लागू नहीं किया गया है।

वहीं, सरकार द्वारा मास्क पहनने व सोशल डिस्टैंस का जो नियम बसों व बस अड्डों में लागू किया गया है उसपर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा क्योंकि इन नियमों की पालना करवाने वाले अधिकारी कुभकर्णी निंद्रा में सोते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। पिछली बार भी जब हालात बेकाबू हुए थे तो सरकार द्वारा बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था। जानकार बताते है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में सरकार सख्त कदम उठाकर बसों का परिचालन बंद करने जैसा सख्त कदम उठ सकता है।

इसलिए हमारा भी यह फर्ज बनता है कि हम मास्क का इस्तेमाल करें क्योंकि मौजूदा समय में अधिकतर लोग बसों के अन्दर बिना मास्क के सफर करते हैं। सूत्र बताते है कि पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरैक्टर द्वारा बिना मास्क के आने वालों को टिकट न देने के आदेश जारी किए गए लेकिन इन आदेशों के विपरीत टिकट काटने वाले लोग भी बिना मास्क के दिखाई देते हैं।दूसरी तरफ रोडवेज के अधिकारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ देते है कि वह रूटीन में चैकिंग करवा रहे हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि अगर पूर्ण रुप से सख्ती कर जाएगी तो लोग खुद ही मास्क पहनने लगेंगे और हमारा समाज सुरक्षित हो जाएगा।

सरकारी के मुकाबले प्राइवेट बसों में सख्ती अधिक
वहीं देखने में आ रहा है कि सरकारी बसों के मुकाबले प्राइवेट बसों में मास्क पहनने को लेकर सख्ती अधिक है। प्राइवेट ट्रांसपोटर्ज द्वारा बसों के चालक दलों को खास तौर पर हिदायतें दी गई है कि नियमों की पालना में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। प्राइवेट बसों में टिकट चैकिंग करने वाले स्टाफ से भी मास्क पहनने के संबंध में रिपोर्ट ली जा रही है। कई जागरूक ट्रांसपोटर्ज द्वारा टिकट चैकिंग स्टाफ को बस के अन्दर की फोटो भी खिंचने को कहा गया है ताकि सच्चाई का पता चल सके। अब सोचने वाली बात यह है कि यदि प्राइवेट ट्रांसपोटर्ज इस प्रति गंभीरता दिखा सकते है तो सरकारी बसों द्वारा इस नियम का पालन क्यों नहीं हो रहा है।


 

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Vatika