साल 2019: वतन के लिए शहीद हुए पंजाब के ये महान सूरमे

punjabkesari.in Monday, Dec 30, 2019 - 12:02 PM (IST)

जालंधरः पंजाब की धरती फसलों के साथ शूरवीर योद्धा भी पैदा करती है। इस धरती पर रह रहे कई महान योद्धाओं ने देश की खातिर अपनी जानें कुर्बान कर दीं। 2019 जहां मीठी-कड़वी यादें छोड़ कर जा रहा है, वहीं पंजाब के कई जवान भी शहीद होकर अमर हो गए हैं। आज हम आपको उन महान शूरवीरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने साल 2019 में अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी। 

शहीद मनिंदर सिंह 
दीनानगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में गुरदासपुर जिले के दीनानगर का रहने वाला शहीद मनिंदर सिंह शहीद हो गया था। सी.आर.पी.एफ. के जवानों की टुकड़ी ने सलामी देते हुए शहीद का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ किया था। शहीद मनिंदर सिंह की मां ने इस अवसर पर जहां 'भारत माता की जय' के नारे लगाऐ, वहीं 'पाक मुर्दाबाद' के भी नारे लगाए। शहीद मनिंदर सिंह की अर्थी को बड़ी बहन लवली ने कांधा दिया और छोटे भाई लवकिश सिंह ने अग्नि दी।

शहीद जैमल सिंह
मोगाः जम्मू के पुलवामा क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में 44 सी.आर.पी.एफ. का जवान जैमल सिंह शहीद हो गया था। शहीद जैमल सिंह का अंतिम संस्कार मोगा जिले के गांव घलोटी खुर्द में सरकारी सम्मान के साथ किया गया। बता दें कि शहीद जैमल सिंह मन में देश भक्ति का जज्बा होने के कारण 23 अप्रैल 1993 को सी.आर.पी.एफ. में भर्ती हो गया था। उसने दिल्ली, आसाम, उधमपुर, जम्मू, मणिपुर, रांची आदि अनेक स्थानों पर अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया।

शहीद सुखजिन्दर सिंह
तरनतारनः श्रीनगर के पुलवामा के अधीन आते अवंतीपुरा इलाके में आतंकवादियों से लोहा लेने जा रहा सी.आर.पी.एफ. का जवान सुखजिन्दर सिंह शहीद हो गया। शहीद सुखजिन्दर सिंह का अंतिम संस्कार जिला तरनतारन के गंडीविंड गांव में सरकारी सम्मानों के साथ किया गया। शहीद सुखजिन्दर को बचपन से ही शौक था कि वह सी.आर.पी.एफ. में भर्ती होकर देश की सेवा करने के साथ आतंकवादियों को सबक सिखाए। पढ़ाई के बाद वह 17 फरवरी 2003 में सी.आर.पी.एफ. की 76 बटालियन में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुआ, जिसने अपनी ट्रेनिंग उड़ीसा के भुवनेश्वर से हासिल की। 

शहीद कुलविन्दर सिंह
श्री आनन्दपुर साहिबः पुलवामा आतंकवादी हमले में देश की रक्षा करते हुए रूपनगर का जवान कुलविन्दर सिंह शहीद हो गया था। शहीद कुलविन्दर सिंह का अंतिम संस्कार रूपनगर के गांव रोली में सरकारी सम्मानों के साथ किया गया।

शहीद कर्मजीत सिंह
मोगा: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पड़ते सुन्दरबानी सैक्टर के कैरी बत्तल इलाके में कंट्रोल रेखा पर पाकिस्तान द्वारा फिर जंगबन्दी का उल्लंघन किया गया था, जिसका भारतीय फौज ने मुह-तोड़ जवाब दिया। जंगबन्दी दौरान पाक द्वारा की गई गोलीबारी में जवान कर्मजीत सिंह शहीद हो गया था। शहीद कर्मजीत सिंह का अंतिम संस्कार मोगा जिले के गांव जनेर में सरकारी सम्मानों के साथ किया गया था।

शहीद कुलदीप सिंह
अमृतसरः अमृतसर के जवान कुलदीप सिंह की ड्यूटी दौरान कारगिल में बर्फ के ढेर में दबने से मौत हो गई थी। शहीद कुलदीप सिंह 5 सिख रैजीमेंट में नायक के तौर पर सेवाएं निभा रहा था। जिला मजीठा के गांव कलेर बाला पाई में शहीद कुलदीप सिंह को सरकारी सम्मानों के साथ अंतिम विदाई दी गई। पिछले 16 साल से फौज में ड्यूटी निभा रहे शहीद कुलदीप सिंह अपने पीछे पत्नी पवनप्रीत कौर और 5 वर्षीय बेटे जसनूर प्रीत सिंह को छोड़कर चले गए। 

शहीद करमजीत सिंह
रोपड़ः दक्षिणी कशमीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों से मुकाबले करने के बाद वापसी समय अचानक गोली लगने से जवान करमजीत सिंह (24) शहीद हो गया था। शहीद करमजीत सिंह पुत्र सतनाम सिंह निवासी हाफीजाबाद तहसील श्री चमकौर साहिब का रोपड़ के गांव में सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद करमजीत दो बहनों का अकेला भाई था और वह 4 साल पहले ही फौज में भर्ती हुआ था।

शहीद सुखविन्दर सिंह
होशियारपुरः जम्मू-कश्मीर के बौदीपुरा और राजौरी जिलों में पाक द्वारा गत दिनों फायरिंग की गई थी, जिसका जवाब देते हुए भारतीय फौज का एक जवान सुखविन्दर सिंह शहीद हो गया था। शहीद सुखविन्दर सिंह पुत्र अविनाश सिंह तलवाड़ा गांव फतेहपुर तहसील मुकेरियां जिला होशियारपुर का रहने वाला था। जवानों की टुकड़ी ने सलामी देते हुए सरकारी सम्मानों के साथ उसका अंतिम संस्कार फतेहपुर में किया। शहीद भारतीय फौज की 18 जे.के. राइफल में अप्रैल 2017 में भर्ती हुआ था।  

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Sunita sarangal